सरकारी क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ इंडिया की संयुक्त उपक्रम वाली म्यूचुअल फंड कंपनी बीओआई अक्सा की क्रेडिट रिस्क फंड की नेट असेट वैल्यू यानी एनएवी एक दिन में 50.22 प्रतिशत गिरकर 3.65 पर आ गई है। फंड हाउस द्वारा पोर्टफोलियो का रीवैल्यू कर सात सिक्योरिटीज को मार्कडाउन करने के बाद एनएवी में यह गिरावट देखी गई है।
पहले भी किया था मार्कडाउन
बता दें कि फंड हाउस ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस और अवंथा होल्डिंग्स में अपनी होल्डिंग का इससे पहले 75 प्रतिशत पूरी तरह से राइट डाउन कर दिया था। इससे तीन पेपर्स में उसने हेयर कट को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें आरकेवी इंटरप्राइजेज, एक्सिलरेटिंग एजुकेशन और कॉफी डे नेचुरल रिसोर्स का समावेश है। इसी तरह इस कंपनी ने दिनराम होड्लिंग्स में भी 50 प्रतिशत मार्कडाउन कर दिया था। इन सातों में से पांच सिक्योरिटीज पोर्टफोलियो में पहले भी मार्क डाउन किया गया था।
एक लाख का निवेश हुआ 28,000 रुपए
फंड की एनएवी में गिरावट का सीधा अर्थ यह है कि अगर एक दिन पहले उस क्रेडिट फंड का मूल्य मान लीजिए 10 रुपए था तो वह गिरकर 5 रुपए हो गया है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि इस फंड में अगर किसी निवेशक ने एक साल पहले एक लाख रुपए का निवेश किया होगा तो वह आज घटकर 28,000 रुपए हो गया है। एक साल में इस फंड ने 72 प्रतिशत का घाटा दिया है जबकि 3 महीने में 49 प्रतिशत का घाटा दिया है।
167 करोड़ रुपए है असेट्स
बीओआई अक्सा क्रेडिट रिस्क फंड की कुल असेट्स मार्च 2020 तक 167 करोड़ रुपए थी। फंड के वैल्यू में पिछले एक वर्ष में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके ग्रोथ ऑप्शन की एनएवी हाल में 3.67 रही है। निवेशकों को भेजी गई एक सूचना में फंड हाउस ने कहा है कि बीओआई अक्सा इनवेस्टमेंट मैनेजर्स की वैल्यूएशन कमिटी ने 24 अप्रैल 2020 को पोर्टफोलियो में कम ट्रेड हो रही सिक्योरिटीज का फिर से मूल्यांकन किया है।
सुरक्षित निवेश की ओर जा सकते हैं निवेशक
फंड मैनेजर्स का मानना है कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई स्थिति के कारण डेट बाजार में पिछले एक महीने में लिक्विडिटी पर बहुत असर हुआ है। सूचना में कहा गया है कि भविष्य में भी अनिश्चितता बनी रहेगी। देश में अगर ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन लंबा चलता है तो औद्योगिक आउटपुट पर और मांग की स्थिति पर दबाव बना रहेगा। इससे कंपनियों के कर्ज लेने और कर्ज चुकाने की क्षमता पर असर पड़ेगा।
फंड हाउस का मानना है कि जब तक स्थितियों में सुधार नहीं होता है, तब तक निवेशक सुरक्षित असेट्स की ओर जाएंगे। म्यूचुअल फंड् में रिडेंम्प्शन के कारण क्रेडिट बाजार में भारी दबाव है।
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