लॉकडाउन के कारण दूसरे शहरों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए मुफ्त में स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएं। यह सुझाव रेल मंत्रालय के अधिकारियों के एक ग्रुप ने दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाए। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसी स्पेशल ट्रेनों की संख्या 5 से 10 हजार हो सकती है। हालांकि, यह संख्या यात्रा करने के लिए इच्छुक प्रवासी कामगारों पर निर्भर करेगी।
यात्रा प्रतिबंध हटने से पहले दी जाए घर जाने की इजाजत
रेल मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने 'फैसिलिटेटिंग माइग्रेंट्स ट्रेवल' नाम से एक पेपर तैयार किया है। इस पेपर में सुझाव दिया गया है कि प्रवासी कामगारों को यात्रा प्रतिबंध हटने से पहले ही अपने घरों को जाने की इजाजत दी जाए। हालांकि, यह सुझाव गैर-आधिकारिक हैं। देश में सार्वजनिक यातायात को शुरू करने को लेकर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को करना है। पेपर में कहा गया है कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए प्रवासी कामगारों को चरणबद्ध तरीके से यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए रेलवे प्राधिकरणों और राज्य प्राधिकरणों के बीच गहरे समन्वय की जरूरत होगी।
नॉन-स्टॉप चलाई जाएं ट्रेनें
रेल मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से तैयार किए गए पेपर में कहा गया है कि प्रवासी कामगारों के लिए ट्रेनों को नॉन-स्टॉप चलाया जाए। इन स्पेशल ट्रेनों को केवल क्रू में बदलाव और पानी भरने जैसी सेवाओं के लिए ही रोका जाए। इसके अलावा प्रवासी कामगारों के उनके गंतव्य पर पहुंचने पर दोबारा जांच की जाए। राज्य सरकारें अपने नागरिकों को क्वारेंटाइन करें। उन्हें स्थानीय स्तर पर परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए और उनके घरों की पहचान कर कामगारों पर नियमित नजर बनाए जाए।
सभी कामगारों को दी जाए मुफ्त टिकट
पेपर में कहा गया है कि सभी कामगारों को मुफ्त टिकट और सीट नंबर आवंटित किया जाए। इसके बाद इनको ट्रेन के रवाना होने से पहले एकत्र किया जाए। यात्रा से पहले सभी कामगारों को रेलवे स्टेशन पर एक सुरंग के जरिए डिसइन्फेक्ट करके जांच की जाए। इसके बाद इनके हाथ पर तारीख और स्थान वाली मुहर लगाई जाए। इसके अलावा यात्रा के दौरान कामगारों को खाना, पानी और मास्क-सैनिटाइजर वाली हाइजीन किट उपलब्ध कराई जाए। पेपर में कहा गया है कि इन सभी गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए।
परिवहन के अभाव में पैदल घरों को जा रहे कामगार
यह पेपर ऐसे समय में सामने आया है जब लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं बंद पड़ी हैं। इस कारण बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े हैं। कई कामगार हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके अपने घरों को जा रहा हैं। कई कामगार साइकिल, रिक्शा जैसे साधनों के जरिए भी घरों को लौट रहे हैं। आपको बता दें कि पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है जो 3 मई तक चलेगा।
महाराष्ट्र में फंसे हैं 6 लाख प्रवासी कामगार
लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में 6 लाख से ज्यादा प्रवासी कामगार फंसे हुए हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इन कामगारों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए यह कामगार अपने घरों को लौटना चाहते हैं। हाल ही में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार स्पेशल ट्रेन चलने की अफवाह के बाद मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर एकत्र हो गए थे। इसी प्रकार मार्च में दिल्ली में करीब 15 हजार प्रवासी कामगार अपने घर जाने के लिए आनंद विहार बस अड्डे पर एकत्र हो गए थे।
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