आदत हमारे एक्शन को निर्धारित करते हैं और हमारे एक्शन से नतीजे तय होते हैं। उठने से लेकर सोने तक हम जो भी करते हैं वह एक खास पैटर्न में होते हैं। इस पैटर्न से हमारी आदत बनती है।अगर हमारी वित्तीय आदतें सही नहीं है तो पैसों का मैनेजमेंट करना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए पैसों को खर्च करने या बचाने के लिए सही आदत जरूरी है। फाइनेंशियल एडवाइजर निखिल सिंघी आपको इससे जुड़ी खास बातें बता रहे हैं।
‘हमारी आदतें हमारे अवचेतन मन यानी सबकांशस माइंड के द्वारा ड्राइव होती हैं। माना जाता है कि 45 से 90% व्यवहार पर आदतों का प्रभाव होता है।’
इसलिए सही आदतों को अपनाना जरूरी हो जाता है, क्योंकि आदतों से पता चलता है कि हमने अपने दिमाग की कंडिशनिंग कैसे की है। एक व्यक्ति वित्तीय सफलता तभी हासिल कर सकता है जब उसकी बुनियाद सही हो। बुनियाद यानी वित्तीय आदतें। अगर हमारी वित्तीय आदतें सही नहीं है तो वेल्थ क्रिएट करना, मैनेज करना और बरकरार रखना काफी मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति की वित्तीय आदतें सही हैं तो उसके गहरे कर्ज में फंसने की संभावना काफी कम होती है।
इनवॉयस और बिल को फिजिकल या डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रखना, उनकी नियमित डॉक्यूमेंटिंग करना गोल्डन फाइनेंशियल आदत है
कामयाबी लोग अपने खर्च, बचत और निवेश के लिए व्यवस्थित तरीका अपनाते हैं। इनसे जुड़ी आदतें उनके दिमाग में अंकित होती हैं। वे इनका सही और अनुशासित तरीके से पालन करते हैं। यह आदत बिना मतलब की लग सकती हैं लेकिन यह अहम भूमिका अदा करती है।
क्या आपके पास ऐसी फाइल है, जो पूरी तरह आपके घर के खर्चों को डॉक्यूमेंट करने के लिए हो?
यह एक नजर में बहुत ज्यादा काम हो सकता है, लेकिन ईमानदारी से देखा जाए तो ऐसा नहीं है। अगर आप अपने खर्चों को फिजिकल या डिजिटल फोल्डर में व्यवस्थित तरीके से रखते हैं तो इससे आपका जीवन काफी सरल हो सकता है। आपको पता होगा कि कोई जरूरत आए तो क्या कहां मिलेगा। अगर आपने इसके लिए व्यवस्थित सिस्टम बना रखा है तो आपके परिवार के सदस्य भी इसे आसानी से ढूंढ़ सकते हैं। सिस्टम हमेशा काम करता है। ऐसा आप दफ्तर में भी कर सकते हैं। यह आपकी आय और खर्च से जुड़ी फाइल हो सकती है। सफल होना आसान है। आपको इसके लिए सही आदतें डेवलप करनी होंगी।
आप पहले आदतें बनाते हैं, फिर आदतें आपको बनाती हैं
जॉन ड्राइडेन ने कहा है, ‘आप पहले आदतें बनाते हैं, फिर आदतें आपको बनाती हैं।’ यह आदत आपकी मौजूदा वित्तीय मन:स्थिति को ट्रांसफॉर्म करने पर केंद्रित है। किसकी फाइल बनानी है और किसकी नहीं, यह आपके ऊपर निर्भर है। लेकिन अगर आपने इन्हें सुरक्षित रखना और जमा करना नहीं सीखा है तो पहले इसकी आदत डालिए। फिर इन्हें व्यवस्थित रखना सीखिए।
इस तरह की आदतों के लाभ
- आपने जो सामान खरीदा है अगर उसमें खामी होती है तो आप उसे लौटाने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं। गारंटी और वारंटी से जुड़े पेपर्स की फाइल मेंटेन करना किसी आपातकालीन स्थिति में काफी मददगार होगी। आप क्लेम लेना चाहें या रिफंड या गारंटी का उपयोग करना चाहें, यह आदत मददगार होती है।
- इस तरह की आदत इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय भी आपको सहूलियत देगी। साथ ही यह आपके ऑडिटर के काम को सरल बनाएगी।
- यह आदत एनालिसिस करने में भी मददगार होती है। उदाहरण के तौर पर मान लें कि आपने सामजिक मुद्दों पर काम करने वाली किसी संस्था को दान दिया है तो फाइलिंग के वक्त आपका ऑडिटर इसकी रसीद मांगेगा। अगर आपके पास यह सुरक्षित नहीं है तो इसे जमा नहीं कर पाएंगे। यह संभावना भी बनी रहेगी वह संस्था आपके योगदान का गलत इस्तेमाल कर ले।
- इसकी मदद से आफ अलग-अलग तरह के खर्चों की पहचान कर पाएंगे और यह जान पाएंगे कि कौन का खर्च गैर जरूरी था। इससे आप धन की बर्बादी से बचेंगे।
- आपके बच्चे आपसे ऐसी आदतें सीखेंगे। इससे आगे चल कर वे भी अपनी वित्तीय स्थिति को मैनेज कर पाएंगे।
- ऐसा माना जाता है कि हम किसी काम को जिस तरीके से करते हैं, सभी काम को उसी तरीके से करते हैं। इसकी पुष्टि हम सब अपनी जिंदगी से कर सकते हैं।
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