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Thursday, April 23, 2020

अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए खतरे की घंटी है फेसबुक-रिलायंस जियो के बीच हजारों करोड़ की डील, जानिए क्यों? https://ift.tt/3bzsIkM

दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी में शुमार फेसबुक ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रिलायंस जियो में 43,574 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस निवेश के साथ रिलायंस जियो में फेसबुक की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी हो गई है। जानकारों का कहना है कि इस साझेदारी से ई-कॉमर्स और पेमेंट सेक्टर में अमेजन, फ्लिपकार्ट और गूगल के सामने एक ताकतवर गठजोड़ पैदा हो गया है। यह गठजोड़ भविष्य में इन कंपनियों के लिए खतरा बन सकता है। इस साझेदारी के जरिए मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाला रिलायंस का ई-कॉमर्स वेंचर जियो मार्ट भारतीय ऑनलाइन कॉमर्स बाजार में फेसबुक की मदद से अमेजन और फ्लिपकार्ट पर बढ़त बना सकता है।


2028 तक 200 बिलियन डॉलर का होगा भारत का ऑनलाइन ई-कॉमर्स बाजार
इंडस्ट्री इनसाइडर और जानकारों का कहना है कि भारत में ऑनलाइन ई-कॉमर्स बाजार के विकास की असीम संभावनाएं हैं। जानकारों के मुताबिक 2018 के 30 बिलियन डॉलर के मुकाबले भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2028 में 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। फोरेस्टर रिसर्च के वरिष्ठ एनालिस्ट सतीश मीणा का कहना है कि फेसबुक की ओर से किए गए कुल निवेश में से जियो के पास करीब 15 हजार करोड़ रुपए बच जाएंगे। यह एक बहुत बड़ी राशि है जिसका इस्तेमाल जियोमार्ट ई-कॉमर्स नेटवर्क बनाने में कर सकता है। यदि जियोमार्ट जमीनी स्तर पर अपनी योजना को मूर्तरूप देने में कामयाब रहता है तो निश्चित तौर पर यह अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।


ग्रॉसरी स्पेस पर पहले दबदबा बना सकता है जियोमार्ट
मीणा के मुताबिक, जियोमार्ट सबसे पहले ग्रॉसरी स्पेस में अपना दबदबा कायम करने के लिए आक्रामक रणनीति अपना सकता है। इसके जरिए वह ज्यादा से ज्यादा घरों तक पहुंच सकता है। ग्रॉसरी स्पेस में दबदबा बनाने से जियोमार्ट के ग्राहक मोबाइल कनेक्शन, टेलीविजन, म्यूजिक और शिक्षा जैसी कई सेवाएं भी रिलायंस से खरीद सकेंगे। अमेजन और फ्लिपकार्ट की इस समय सबसे बड़ी चिंता बिजनेस मॉडल और लॉजिस्टिक का पुनर्मूल्यांकन करने की है। इसका कारण यह है कि वे मांग के अनुसार ग्रॉसरी की डिमांड पूरी नहीं कर पा रही हैं। इस समय ग्रॉसरी में काफी मांग हैं लेकिन कंपनियां आपूर्ति करने के लिए तैयार नहीं हैं।


ई-कॉमर्स सेक्टर में एकाधिकार बना सकती है रिलायंस जियो
दिल्ली की लॉ फर्म टेकलेजिस एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर्स के मैनेजिंग पार्टनर सलमान वारिस का मानना है कि रिलायंस जियो ई-कॉमर्स सेक्टर में एकाधिकार स्थापित कर सकती है और इससे ई-कॉमर्स इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। वारिस का कहना है फेसबुक छोटा कारोबारियों के लिए वाट्सएप को ई-कॉमर्स के अवसर के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है। अमेजन और फ्लिपकार्ट जियो-फेसबुक के साथ मुकाबला नहीं कर पाएंगी क्योंकि उनके पास डाटा की ताकत नहीं है। वारिस के मुताबिक, कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हो सकता है कि फेसबुक-जियो गठजोड़ शॉर्ट टर्म यानी 3 से 6 महीने में कोई महत्वपूर्ण छाप नहीं छोड़ पाए, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह गठजोड़ ना केवल अमेजन-फ्लिपकार्ट को पछाड़ देगा, बल्कि देश के तमाम ई-कॉमर्स ईकोसिस्टम को बदल देगा।


जियोमार्ट का प्रस्तावित मॉडल बिलकुल नया
पहले इंडिया फाउंडेशन के सीनियर फेलो और हेड ऑफ रिसर्च निरुपमा सुंदरराजन का कहना है कि इस बात की गणना पहले ही कर ली गई है कि जियोमार्ट के कंपनी के तौर पर उभरेगी। यह कंपनी पूरे बाजार में उथल-पुथल मचा देगी। किराना स्टोर्स के साथ साझेदारी का जियोमार्ट का प्रस्तावित मॉडल पूरी तरह से नया मॉडल है। ऐसी सहभागिता काफी आवश्यक है। इसके अलावा हम वाट्सऐप की वजह से पी2पी (पीयर टू पीयर) पेमेंट में महत्वपूर्ण बढ़त देखेंगे। सुंदरराजन का कहना है कि जियोमार्ट के प्रस्तावित मॉडल से किराना स्टोर्स के बीच भी प्रतियोगिता बढ़ेगी और इससे किराना स्टोर्स के बीच प्राइस वॉर बढ़ेगा। यह देखना काफी रोमांचित होगा।


पेमेंट सेक्टर में बढ़त बनाने में भी मदद मिलेगी
सलमान वारिस का कहना है कि इस साझेदारी से रिलायंस और फेसबुक को भारतीय डिजिटल पेमेंट स्पेस में फोन-पे, पेटीएम, गूगल-पे, अमेजन-पे जैसी कंपनियों पर बढ़त बनाने में मदद मिलेगी। वारिस की मानें तो 2023 तक भारत में डिजिटल पेमेंट में 5 गुना तक की बढ़ोतरी होगी और कुल कारोबार 1 लाख डॉलर तक पहुंच जाएगा। फेसबुक के लिए भारत सबसे बड़ा यूजर बाजार है और यहां फेसबुक के करीब 32.8 करोड़ मासिक यूजर है। इसके अलावा मैसेजिंग ऐप वाट्सऐप के भी करीब 40 करोड़ यूजर हैं। वाट्सऐप लंबे समय से भारत में डिजिटल पेमेंट सेवा शुरू करने पर काम कर रहा है और उसे मंजूरी का इंतजार है। वारिस का कहना है कि फेसबुक-जियो साझेजारी से दुनिया और भारत का सबसे बड़ा डाटा प्लेटफॉर्म तैयार होगा।


साभार-बिजनेस स्टैंडर्ड



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फेसबुक ने मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म में 43574 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस निवेश के बाद जियो में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99 फीसदी हो गई है।

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