देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से अगर आप होम लोन लेने की योजना रहे हैं तो आपको इससे पहले सोच विचार करना चाहिए। दरअसल बैंक ने एक मई से ही होम और पर्सनल लोन की दरों में 0.3 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। हालांकि बैंक ने 7 मई को एमसीएलआर की दरों में 0.15 बीपीएस की कटौती की थी।
बॉरोअर्स और रियल्टी कंपनियोंके लिए क्रेडिट रिस्क बढ़ा
बैंक की वेबसाइट के मुताबिक बैंक ने रेपो रेट लिंक्ड होम लोन दर में 30 आधार अंक यानी 0.3 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। एसबीआई ने प्रॉपर्टी के आधार पर लिए जाने वाले पर्सनल लोन पर भी ब्याज दरों में 0.30 फीसदी का इजाफा किया है। इस बदलाव से एसबीआई से होम और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को झटका लगेगा। माना जा रहा है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कर्ज लेने वालों तथा रियल्टी कंपनियों को दिए गए लोन को लेकर जोखिम बढ़ गया है। इसी के मद्देनजर बैंक ने यह कदम उठाया है।
75 लाख रुपए के लोन पर 0.2 प्रतिशत बढ़ेगी ब्याज दर
कोविड-19 महामारी के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान पैदा हुआ है। इससे कंपनियों और लोगों की आय भी प्रभावित हुई। इस वृद्धि के बाद स्टेट बैंक के 75 लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज दर में 0.20 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी जबकि 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर एक्सटर्नल बेंचमार्क से जुड़ी ब्याज दर (ईबीआर) और उसके ऊपर होने वाली वृद्धि के साथ यह ब्याज दर 7.40 प्रतिशत होगी। एक अप्रैल 2020 को यह 7.20 प्रतिशत तय की गई थी।
ज्यादातर लोन एमसीएलआर पर ही मिलते हैं
अधिकतर बैंक एमसीएलआर या रेपो रेट लिंक्ड दर पर ही होम लोन देते हैं। एसबीआई ने एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लेंडिंग रेट को 7.05 फीसदी पर ही स्थिर रखा है। होम लोन रेट्स में 0.3 फीसदी का यह इजाफा मार्जिन बढ़ाकर किया गया है। नई दरें 1 मई 2020 से लागू हो चुकी हैं। ब्याज दरों में इस कटौती के बाद जिन ग्राहकों का अकाउंट एमसीएलआर से जुड़ा है, वे इसका फायदा पाएंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी ने 25 लाख रुपए का कर्ज 30 साल के लिए लिया है तो उसकी ईएमआई 255 रुपए कम हो जाएगी। होम लोन में एसबीआई की 34 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है जबकि ऑटो लोन में 34.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दिसंबर 2019 तक बैंक की कुल 31 लाख करोड़ रुपए की डिपॉजिट थी।
अप्रैल, 2016 से एमसीएलआर पर मिलता है कर्ज
आरबीआई द्वारा बैंकों के लिए तय फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है। इस फॉर्मूले का उद्देश्य ग्राहक को कम ब्याज दर का फायदा देना और बैकों के लिए ब्याज दर तय करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। अप्रैल, 2016 से ही बैंक नए फॉर्मूले के तहत मार्जिनल कॉस्ट से लेंडिंग रेट तय कर रहे हैं। एमसीएलआर फॉर्मूले का फायदा नए और पुराने दोनों ग्राहकों को मिलता है। इससे पहले बैंक ने कर्ज पर ब्याज दरों में गुरुवार को 0.15 फीसदी की कटौती की थी। अब ब्याज दरें 7.40 फीसदी से घटकर 7.25 फीसदी पर आ गई हैं।
7 मई को एमसीएलआर और एफडी की दरों में की गई थी कटौती
कर्ज पर ब्याज दरें घटने से मासिक किश्त में 255 रुपए की कमी आएगी। कर्ज पर नई दरें 10 मई से और एफडी पर नई दरें 12 मई से लागू होंगी। बैंक द्वारा एमसीएलआर में लगातार 12वीं और वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी कटौती है। जबकि मार्च से अब तक एफडी की दरों में तीन बार कटौती की गई है। इसी तरह एफडी की ब्याज दरों में भी एसबीआई ने कटौती की है। नई दरों के मुताबिक 3 साल की एफडी पर दरें 0.20 फीसदी तक कम हो गई है। वर्तमान मेंएसबीआई 7 दिन से 45 दिन कीएफडी पर 3.5 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है। जबकि 46 दिन से 179 दिन के लिए यह 4.5 फीसदी है।
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