कोरोना आपदा से निपटने के लिए घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की अंतिम और पांचवीं किस्त की रविवार को घोषणा की गई। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पूरी दुनिया अब रिफॉर्म पर जोर दे रही है। इसी दिशा में हमने भी अब पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (पीएसई) में बदलाव का फैसला किया है। इसके लिए जल्द नई पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज नीति लाई जाएगी।
वित्त मंत्री की घोषणा
- आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए नई नीति लाई जाएगी।
- सार्वजनिक हित के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए रणनीतिक सेक्टर की एक नई लिस्ट जारी की जाएगी।
- एक सेक्टर में पब्लिक सेक्टर की कम से कम एक और अधिकतम चार कंपनियां शामिल होंगी। इसके अतिरिक्त प्रत्येक सेक्टर में प्राइवेट कंपनियां भी शामिल हो सकेंगी।
- रणनीतिक लिस्ट से अलग सेक्टर की कंपनियों का निजीकरण या विलय किया जाएगा।
क्या फायदा होगा
- एक सेक्टर में सरकारी कंपनियों की संख्या कम होने से प्रतियोगिता खत्म होगी। इससे कंपनी को व्यापार करने में आसानी होगी।
- कंपनियों का सेक्टर के हिसाब से वर्गीकरण करने से सरकार को प्रशासनिक और आर्थिक दोनों तौर पर फायदा होगा।
- सरकारी कंपनियों पर किए जाने वाले खर्च पर अंकुश लगेगा।
सरकार को मिलेगा फंड
रणनीतिक सेक्टर के हिसाब से कंपनियों का निर्धारण करने के बाद अन्य कंपनियों का निजीकरण या दूसरी कंपनियों के साथ विलय किया जाएगा। इससे सरकार को अतिरिक्त फंड मिलेगा।
निजी सेक्टर को भी होगा फायदा
सरकार की इस नीति से निजी सेक्टर की कंपनियों को भी फायदा होगा। वे भी सरकार की ओर से तय किए जाने वाले रणनीतिक सेक्टर में सरकारी कंपनियों के साथ कारोबार कर सकेंगी। अभी कई सेक्टर्स में प्राइवेट कंपनियों को कारोबार की इजाजत नहीं है।
कंपनी मैनेजमेंट में भी लाभ मिलेगा
एक सेक्टर में निर्धारित पीएसई रहने से सरकार को कंपनी मैनेजमेंट में फायदा होगा। इसके लिए सरकार को ज्यादा अधिकारी नियुक्त नहीं करने होंगे। इससे प्रशासनिक खर्च कम होगा।
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