वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के पांचवें दिन ईजऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर घोषणा की। कुल 7 विषयों पर उन्होंने सुधारों और राहत का फोकस तय किया। इसके तहत कोविड-19 की वजह से नए बैंकरप्सी यानी दिवालिया प्रक्रिया को एक साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। साथ ही डिफॉल्ट की नई परिभाषा तय की गई है।
किसे मिलेगा
दिवालिया प्रक्रिया के तहत कॉर्पोरेट कंपनियों और एमएसएमई को राहत दी गई है। इस राहत का उद्देश्य यह है कि कोविड-19 से निपटने में इनको मदद मिल सके।
क्या मिलेगा
कॉर्पोरेट के लिए नए मामलों को एक साल तक के लिए स्थगित किया गया है। इसके साथ ही डिफॉल्ट की नई परिभाषा तय की गई है। इसी तरह एमएसएमई के लिए दिवालिया प्रक्रिया के तहत कम से कम राशि का आकार बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है। पहले यह एक लाख रुपए था। इससे यह फायदा मिलेगा कि ज्यादातर छोटी कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया में आने से बच सकेंगी।
कंपनीज एक्ट डिफॉल्ट में 7 कंपाउंडेबल अपराधों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया और 5 अन्य को किसी वैकल्पिक फ्रेमवर्क के तहत निपटाया जाएगा।
कब मिलेगा
सेक्शन 240 ए के तहत एमएसएमई के लिए अलग से दिवालिया प्रक्रिया की जाएगी। इसके लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी होगा।
कैसे मिलेगा
इंडियन बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) में सुधार किया गया है। इसके तहत कंपनियों को डिफॉल्ट नहीं किया जाएगा। जिससे वे एक साल तक कोविड से प्रभावित होने पर अपने आप को मजबूत कर सकेंगी।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का असर सब सेक्टर पर दिखा है
कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था में सु्स्ती का असर सभी सेक्टर पर दिखा है। इस मंदी अर्थव्यवस्था से इन कंपनियों को निकालने के लिए बिजनेस करने में आसानी हो, इसलिए यह बदलाव किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि कंपनी एक्ट में संशोधन जारी है और कई धाराओं को आपराधिक श्रेणी से बाहर किया जाएगा। अब तकनीकी गलती के कारण कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी और इससे डिफॉल्ट नियम को बदलकर कंपनियों को राहत भी प्रदान की जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि एनसीएलटी में जाने वाले मामलों की संख्या भी काफी कम हो जाएगी।
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