भारत के स्टार्टअप सेक्टर कोविड-19 महामारी के बहुत ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। 10 स्टार्टअप्स में 9 ने रेवेन्यू में गिरावट दर्ज की है। एक तिहाई से अधिक स्टार्ट्स अप अस्थायी या स्थायी रूप से अपना ऑपरेशंस बंद कर चुके हैं। यह जानकारी टेक्नोलॉजी उद्योग की संस्था नैसकॉम के एक सर्वेक्षण में आई है।
60 प्रतिशत B2C स्टार्टअप्स लगभग बंद होने के कगार पर
सर्वेक्षण के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रभावित सेगमेंट शुरुआती और मिड-स्टेज वाले हैं। ये खासकर बिजनेस में कंज्यूमर स्पेस में शामिल हैं। नैसकॉम ने सर्वेक्षण में पाया कि 60 प्रतिशत B2C स्टार्टअप्स लगभग बंद होने का सामना कर रहे हैं। दो महीने से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में इनकी कमर टूट चुकी है।दो महीने तक चलने वाले इस सर्वेक्षण में, जिसमें सभी क्षेत्रों से 250 से अधिक स्टार्टअप्स से प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं।
92 प्रतिशत स्टार्टअप के रेवेन्यू में गिरावट
सर्वेक्षण मेंपाया गया कि 92 प्रतिशत ने राजस्व में गिरावट की बात कही। रिपोर्ट में कहा गया है कि 40 प्रतिशत स्टार्टअप्स ने या तो अस्थायी रूप से परिचालन रोक दिया है या बंद करने की प्रक्रिया में हैं। इसमें लगभग 70 प्रतिशत में कैश रिज़र्व 3 महीने से भी कम समय तक के लिए बचा है। नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप आंदोलन और उसके विकास का रथ पटरी से न उतार जाए, इसलिए प्रमुख स्टेक होल्डरों से मिला जुला समर्थन समय की मांग है।
एड टेक सेक्टर में केवल पॉजिटिव उम्मीद
उन्होंने कहा कि सरकार के लिए हमारी प्रमुख सिफारिशों में से कुछ में वर्किंग कैपिटल तक पहुंच, कंप्लायंस, फिस्कल पॉलिसी और वित्तपोषण सहायता को आसान बनाना है। ट्रैवेल एंड टूरिज्म स्पेस में 70 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप्स में राजस्व में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है। फिनटेक और लॉजिस्टिक्स व्यवसायों के 50 प्रतिशत में इसी तरह की गिरावट देखने को मिली है। स्टार्टअप सेक्टर के लिए एकमात्र पॉजिटिव उम्मीद एड-टेक में दिखी। इसमें 14 प्रतिशत कारोबारियों ने रेवेन्यू में बढ़ोतरी दर्ज की।
54 प्रतिशत लोग कारोबार को मजबूत बनाने में लगे हैं
बी2बी स्टार्टअप्स को कम रेवेन्यू ड्रॉप का सामना करना पड़ रहा है। वह सेक्टर जो अब 4 लाख कर्मचारियों को सीधे 9,300 प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के जरिये वापसी की लड़ाई लड़ रहा है। इस सर्वेक्षण में 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपने कारोबार को मजबूत बनाने में लगे हैं। हेल्थकेयर और एडटेक जैसी सर्विसिंग श्रेणियों से जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और आईओटी जैसी प्रौद्योगिकियों के बढ़ते उपयोग के लिए बढ़ रहे हैं, स्टार्टअप को जीवित रखने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल रहे हैं।
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