रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बहुप्रतीक्षित 53,125 करोड़ रुपए के राइड्ट इश्यू की सब्सक्रिप्शन और क्लोजिंग तारीख तय हो गई है। आरआईएल की ओर से शुक्रवार को शेयर बाजारों को दी गई जानकारी के मुताबिक, सब्सक्रिप्शन के लिए राइट्स इश्यू 20 मई को खुलेगा और इसकी क्लोजिंग तारीख 3 जून तय की गई है। बीएसई, एनएसई और सेबी को भेजे पत्र में आरआईएल ने कहा है कि राइट्स इश्यू कमेटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इन तारीखों को मंजूरी दे दी है।
राइट्स इश्यू में 1257 रुपए का होगा एक शेयर
आरआईएल ने राइट्स इश्यू में पेश किए जाने वाले प्रत्येक शेयर की कीमत 1257 रुपए तय की गई है। इश्यू में शेयर का अनुपात 1:15 रखा गया है। इसके लिए रिकॉर्ड डेट 14 मई तय की गई थी। यानी 14 मई को जिस शेयरधारक के पास 15 शेयर होंगे, वह इश्यू में 1 शेयर खरीदने के लिए पात्र होगा। शेयरधारक को इश्यू में शेयर खरीदने के लिए 25 फीसदी राशि आवेदन के समय और बकाया राशि बाद में देनी होगी। इससे पहले कंपनी ने एक बयान में कहा था कि उसे 42 करोड़ 26 लाख 26 हजार 894 शेयरों का प्रस्तावित राइट्स इश्यू लाने के लिए बीएसई और एनएसई से सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इसका मतलब यह है कि कंपनी इस इश्यू में 42,26,26,894 शेयर ऑफर कर रही है।
314.25 रुपए प्रति शेयर का करना होगा भुगतान
आरआईएल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, शेयरधारक को इश्यू में एक शेयर खरीदने के लिए कुल 314.25 रुपए का भुगतान करना होगा। इसमें 2.50 रुपए फेस वैल्यू और 311.75 रुपए प्रीमियम शामिल है। बकाया 942.75 रुपए का भुगतान बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ओर से समय-समय पर निर्धारित एक या अधिक समय में करना होगा। आरआईएल की ओर से इस इश्यू के लिए शेयर बाजारों में जमा की गई प्रेजेंटेशन में 'न्यू रिलायंस फॉर ए न्यू इंडिया' का नारा दिया गया है। आरआईएल ने 30 अप्रैल को हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में राइट्स इश्यू के जरिए धन जुटाने की घोषणा की थी।
29 साल बाद सार्वजनिक रूप से धन जुटाएगी रिलायंस
आरआईएल इस समय करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज से जूझ रही है। अगस्त 2019 में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि उनकी कंपनी 18 महीने यानी मार्च 2021 तक पूरी तरह से कर्जमुक्त हो जाएगी। कर्ज से मुक्ति पाने के लिए कंपनी राशि जुटाने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। इस महीने की शुरुआत में आरआईएल के बोर्ड ने नॉन-कन्वर्टेबल डिबेंचर (एनसीडी) के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब राइट इश्यू के जरिए कंपनी 29 साल बाद सार्वजनिक रूप से धन जुटाने की योजना बना रही है। इससे पहले रिलायंस ने 1991 में कन्वर्टेबल डिबेंचर्स के जरिए धन जुटाया था। बाद में इन डिबेंचर्स को 55 रुपए की दर से इक्विटी शेयर में बदल दिया था।
क्या होता है राइट्स इश्यू?
शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती हैं। इसके तहत कंपनियां अपने मौजूदा शेयरधारकों को ही अतिरिक्त शेयर खरीदने को मंजूरी देती हैं। इसके तहत शेयरधारक एक निश्चित अनुपात में ही शेयर खरीद सकते हैं। यह अनुपात कंपनी तय करती है। शेयरधारक कंपनी की ओर से तय अवधि में ही राइट्स इश्यू के तहत शेयर खरीद सकते हैं। राइट्स इश्यू के जरिए जारी किए जाने वाले शेयर से कंपनी के मालिकाना हक पर कोई असर नहीं पड़ता है।
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