वित्त वर्ष 2019-20 खत्म होने से पहले ही लॉकडाउन का ऐलान हो गया था। 31 मार्च तक होने वाली वित्तीय प्लानिंग गड़बड़ा गई। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने जीएसटी और आयकर से जुड़े कई नियमों में बदलाव किया है। यदि आपने अभी तक अपनी टैक्स प्लानिंग नहीं की है तो अब भी मौका है। सीए विकास अग्रवाल से जानते हैं जीएसटी और इनकम टैक्स से जुड़े ऐसे ही बदलावों को...
जीएसटी: निल रिटर्न की सूचना एसएमएस से संभव
फरवरी, मार्च, अप्रैल 2020 जीएसटीआर-3 बी 9% ब्याज के साथनीचे टेबल में दिए गए स्लैब के अनुसार रेगुलर व्यापारी 30 जून तक बगैर लेट फी के जमा कर सकते है। कंपोजिट डीलर मार्च क्वार्टर के लिए जीएसटी सीएमपी 08 फार्म 7 जुलाई तक भर सकते हैं। जबकि जीएसटीआर-4 फार्म 15 जुलाई तक भरा जा सकता है। फरवरी से अगस्त तक के लिए इनपुट टैक्स जो पहले जीएसटी 2ए में मौजूद क्रेडिट की 10% अधिक तक ले सकते थे उन्हें (आईटीसी) के क्लेम में राहत दी गई है।
देरी से टीडीएस जमा करने पर कम ब्याज
वित्त वर्ष 2019-20 में इनकम टैक्स से छूट पाने के लिए मेडिक्लेम, लाइफ इंश्यारेंस, दान आदि में निवेश करने की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। यदि आप मई में टैक्स छूट के लिए कोई पॉलिसी लेते हैं तो इसे वित्त वर्ष 2019-20 में दिखा सकते हैं। यही नहीं, आईटी एक्ट की धारा 54 से 54 जीबी के तहत कैपिटल गेन आदि का लाभ 30 जून तक उठा सकते हैं। निल डिडक्शन सर्टिफिकेट और टीडीएस रिटर्न की तारीख बढ़ाकर 30 जून हो गई है।
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