सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के अंतिम पैकेज को आज जारी किया जाएगा। इस पैकेज के बाद अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट यानी राजकोषीय घाटा बढ़कर 7.9 प्रतिशत हो सकता है। इससे पहले यह अनुमान जीडीपी की तुलना में 3.5 प्रतिशत का लगाया गया था। यह जानकारी एसबीआई की रिपोर्ट में दी गई है।
जीडीपी का 10 प्रतिशत हिस्सा पैकेज के रूप में
सरकार ने जीडीपी का 10 प्रतिशत हिस्सा राहत पैकेज के रूप में जारी किया है। गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज 20 लाख करोड़ रुपए के बाकी बचे हिस्से का ऐलान करेंगी। यह अनुमान कोविड-19 महामारी के चलते कम राजस्व और अधिक खर्च के आधार पर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि सीएसओ के जीडीपी के पिछले अनुमानों पर आधारित मूल राजकोषीय घाटा करीब 7.1 फीसदी है। हमारा अनुमान है कि राजस्व में कमी या राजकोषीय स्थिरता के कारण फिस्कल डेफिसिट पर 4.5 फीसदी का सीधा असर पड़ेगा।
पहले पैकेज में 7.35 लाख करोड़ रुपए घोषित हुए थे
सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में पहले चरण में घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपए के राजकोषीय प्रोत्साहन दिया गया। जबकि इसी दौरान विभिन्न मौद्रिक नीतिगत उपायो के जरिए 5.6 लाख करोड़ रुपए की राहत दी गई। दूसरे चरण में बुधवार को घोषित 6.70 लाख करोड़ रुपए की राहत शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है इस राहत से फिस्कल डेफिसिट पर 1.29 लाख करोड़ रुपए का असर होगा। सरकार ने लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 2.1 फीसदी) के अतिरिक्त उधार की घोषणा की है।
1.29 लाख करोड़ रुपए का असर फिस्कल डेफिसिट में होगा
कुछ विश्लेषकों के मुताबिक भारत में वित्त वर्ष 2021 में फिस्कल डेफिसिट 16 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। यह जीडीपी के अनुपात में 8 प्रतिशत होगा। गुरुवार को जारी राहत पैकेज का फिस्कल डेफिसिट पर महज 0.07 प्रतिशत असर होगा। कुल पैकेज 20 लाख करोड़ पर फिस्कल डेफिसिट 1,28,500 करोड़ रुपए से 1,29,250 करोड़ रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले पैकेज 7.35 लाख करोड़ पर 73,000 करोड़ रुपए फिस्कल डेफिसिट होगा। इसमें पीएमजीकेवाई, फ्री कैश और फुड के तहत 1.70 लाख करोड़ जारी किए गए। आरबीआई के लिक्विडिटी सपोर्ट 5,65,200 करोड़ पर कोई फिस्कल डेफिसिट नहीं होगा।
दूसरे पैकेज से फिस्कल डेफिसिट पर 41,000 करोड़काअसर
इसी तरह दूसरे पैकेज में 5,94,250 करोड़ रुपए पर फिस्कल डेफिसिट के रूप में 41,000 से 41,500 करोड़ रुपए का असर पड़ेगा। इसमें एमएसएमई के कोलैटरल फ्री लोन, डेट या इक्विटी सपोर्ट के 3,70,000 करोड़ रुपए पर 14,000 करोड़ रुपए का फिस्कल डेफिसिट पर असर होगा। रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफ सपोर्ट में 9,250 करोड़ रुपए पर फिस्कल डेफिसिट में 2,500 करोड़ रुपए का असर होगा।
डिस्कॉम की राहत से फिस्कल डेफिसिट पर कोई असर नहीं
एनबीएफसी एचसी, एमएफआई लिक्विडिटी सपोर्ट 75,000 करोड़ का हालांकि फिस्कल डेफिसिट पर कोई असर नहीं होगा। इसी तरह डिस्कॉम लिक्विडिटी सपोर्ट के रूप में दिए गए 90,000 करोड़ रुपए से भी फिस्कल डेफिसिट पर कोई असर नहीं होगा। टीडीएसस टीसीएस रिडक्शंस लिक्विडिटी सपोर्ट के रूप में 50 हजार करोड़ का फिस्कल डेफिसिट पर 20-25 हजार करोड़ रुपए का असर हो सकता है।
स्ट्रीट वेंडर्स की राहत से फिस्कल डेफिसिट पर कोई असर नहीं
तीसरे पैकेज में प्रवासी कामगारों के खाने पर पीडीएस के रूप में 3,500 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। फिस्कल डेफिसिट के रूप में 3,500 करोड़ रुपए का असर होगा। इसी तरह मुद्रा शिशु स्कीम इंट्रेस्ट सबवेंशन के रूप में 1,500 करोड़ रुपए का फिस्कल डेफिसिट पर उतना ही असर होगा। स्ट्रीट वेंडर्स को दिए गए 5,000 करोड़ रुपए का फिस्कल डेफिसिट पर कोई असर नहीं होगा। इसी तरह नाबार्ड के 30,000 करोड़ रुपए के पैकेज का भी फिस्कल डेफिसिट पर कोई असर नहीं होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का है। फिस्कल डेफिसिट में इसका असर 500-750 करोड़ रुपए के रूप में हो सकता है। मध्यम वर्ग के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम 70,000 करोड़ रुपए दी गई है। इस पर 3,000 करोड़ रुपए का फिस्कल डेफिसिट होगा।
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