वित्त मंत्री ने खोला किसानों के लिए पिटारा, 3 करोड़ किसानों को दी 4 लाख करोड़ की राहत; देश में 43% रोजगार कृषि पर निर्भर https://ift.tt/2LoTW2j - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday, May 14, 2020

वित्त मंत्री ने खोला किसानों के लिए पिटारा, 3 करोड़ किसानों को दी 4 लाख करोड़ की राहत; देश में 43% रोजगार कृषि पर निर्भर https://ift.tt/2LoTW2j

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एग्रीकल्चर पर भी फोकस किया। उन्होंने कहा कि 3 करोड़ किसानों को पहले ही 4 लाख करोड़ की राहत मिल चुकी है। मार्च में नाबार्ड के जरिए ग्रामीण बैंकों को पैसा मुहैया कराया गया, ताकि ये ऋण दिए जा सकें। वहीं, किसानों को 31 मई तक ब्याज की छूट मिलेगी। देश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर आत्मनिर्भर है। कृषि का देश की जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) में भी अहम योगदान रहता है। बता दें कि एग्रीकल्चर सेक्टर को जो पैकेज दिया गया है वो 20 लाख करोड़ के 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' पैकेज का हिस्सा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मौजूद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा 2014 में मोदी जी ने अपने सबसे पहले भाषण में कहा था कि उनकी सरकार वो, जो गरीबों के लिए सोचे, गरीबों की सुनें, गरीबों के लिए जिए, और इसीलिए नई सरकार देश के गरीबों, युवाओं और महिलाओं को समर्पित है। गांव, गरीब, पीढ़ित, वंचित ये सरकार उनके लिए है। हमें गरीब से गरीब आदमी की मदद करनी है।

  • पीएम किसान सम्मान से हर किसान के खाते में 6 हजार रुपए डाले।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिटकार्ड, हेल्थ इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं दीं।
  • देश के 22 करोड़ से ज्यादा गरीबों का हेल्थ इंश्योरेंस कराया गया।
  • गरीबों के बैंक खाते खुलवाए और उनके खाते में डायरेक्ट पैसे भेजे गए।

अनुराग ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थित में हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात एक करके मेहनत करता है।

किसानों को अब तक क्यामिला

  • 3 करोड़ किसानों के लिए 4 लाख 22 हजार करोड़ का कृषि ऋण पहले ही दे चुके हैं। उन्हें इस बात की छूट दी गई है कि 3 महीने तक किसी तरह का ब्याज नहीं देना है।
  • 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिस पर ऋण की लिमिट 25 हजार करोड़ रुपए होगी।
  • कृषि के क्षेत्र में पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए। जिसकी अमाउंट लगभग 86 हजार 600 करोड़ रुपए है।
  • गांव में कॉपरेटिव बैंक रूलर, रीजनल बैंक रूरल की अहम भूमिका रहती है। ऐसे में इन बैंक को मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29 हजार 500 करोड़ रुपए के रिफाइनेंस का प्रावधान किया है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 4,200 करोड़ रुपए का सहयोग रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के माध्यम से राज्यों को मार्च में राशि उपलब्ध कराई गई।
  • फसल की खरीद के लिए 6,700 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी भी राज्यों को उपलब्ध कराई गई।

बिजनेस-फैक्ट्री बंद होने से कृषि पर दवाब बना

कोरोनावायरस के चलते देश में सभी तरह के बिजनेस और फैक्ट्रियां बंद हैं, या फिर उनकी रप्तार भी धीमी हो गई है। ऐसे में कृषि पर ज्यादा दवाब आया है। देश की अर्थव्यवस्था को चलने रहने में कृषि का अहम किरदार भी रहा है। केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर और इससे जुड़े क्षेत्रों को लॉकडाउन से छूट दी, ताकि खाद्य वस्तुओं की कोई कमी नहीं हो। देश की कुल जीडीपी में कृषि का 3 फीसदी योगदान है, लेकिन 43 फीसदी लोगों को इससे रोजगार मिलता है।

2019-20 में जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) में कृषि का योगदान घटकर 16.5% हो गया, जो 2014-15 में 18.2% था। गिरावट का मुख्य कारण 2014-15 में 11.2% से 2017-18 में 10% तक फसलों के GVA की हिस्सेदारी में कमी के कारण हुई।

कृषि से भारत की जीडीपी: भारत में कृषि से जीडीपी 2019 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2020) में बढ़कर रिकॉर्ड 60 लाख 91 हजार करोड़ रुपए हो गई। 2019 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2019) में 36 लाख 64 हजार करोड़ रुपए थी। भारत में कृषि जीडीपी 2011 से 2019 तक औसतत 41 लाख 91 हजार करोड़ रुपए रही है। 2011 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2011) में रिकॉर्ड 26 लाख 90 करोड़ रुपए सबसे कम थी।

कृषि से रोजगार: वर्ल्ड बैंक कलेक्शन ऑफ डेवलपमेंट इंडिकेटर्स के सोर्स के अनुसार भारत में कृषि में रोजगार (कुल रोजगार का %) 2019 में 43.21% था।

कृषि निर्यात: भारत में कृषि उत्पादों का निर्यात जनवरी में घटकर 21 हजार करोड़ रुपए हो गया, जो 2019 के दिसंबर में 23 हजार करोड़ रुपए था। भारत में कृषि उत्पादों के निर्यात में 1991 से 2020 तक औसतन 8 हजार करोड़ रहा है। 2019 के मार्च में ये रिकॉर्ड 28 हजार करोड़ रुपए के उच्च स्तर तक पहुंच गया था। वहीं, 1991 के अक्टूबर में करीब 500 करोड़ रुपए सबसे कम था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
3 करोड़ किसानों को इस बात की छूट दी गई है कि 3 महीने तक उन्हें ऋण पर किसी तरह का ब्याज नहीं देना होगा

No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages