वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की आखिरी किस्त की जानकारी दी। इसमें कुल 8 घोषणाएं की गईं। यह घोषणाएं मनरेगा, स्वास्थ्य, कारोबार, कंपनी एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज और राज्य सरकारों को लेकर थीं। दो बड़ी बातें यह कि स्ट्रैटजिक सेक्टर को छोड़कर बाकी पब्लिक सेक्टर अब प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिए जाएंगे और अगर कोरोना की वजह से किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो उस पर एक साल तक दिवालिया की कार्रवाई नहीं होगी। आइए जानते हैं मनरेगा और हेल्थ सेक्टर पर सरकार की घोषणाएं और इनका किसको फायदा मिलेगा..
मनरेगा को 40 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे
क्या मिलेगा:सरकार मनरेगा पर 40 हजार करोड़ रुपए और खर्च करेगी। बजट में मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस प्रकार अब इसे बढ़ाकर 1.01 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।
किसे मिलेगा:ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी मजदूर जब अपने घर लौटेंगे तो उनके पास कमी नहीं रहेगी। इस फंड से 300 करोड़ व्यक्ति दिवस रोजगार सृजित होंगे।
कैसे मिलेगा:मानसून के सीजन में भी मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। पानी सहेजने वाले कामों में मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
कब मिलेगा:सरकार तुरंत यह फंड रिलीज करेगी। इससे शहरों से गांव की ओर लौट रहे प्रवासी कामगारों को तुरंत रोजगार मिलेगा।
हेल्थ सेक्टर: नए अस्पताल बनेंगे, ब्लॉक स्तर पर लैब्स बढ़ेंगी
क्या मिलेगा:पब्लिक हेल्थ लैब्स न सिर्फ जिला स्तर पर, बल्कि ब्लॉक स्तर पर भी बनाई जाएंगी।
किसे मिलेगा:गांवों, कस्बाई और शहरी इलाकों में संक्रामक बीमारियों का इलाज करने वाले अस्पताल बनेंगे। लोगों को नजदीकी अस्पतालों में सभी प्रकार का इलाज मिलेगा।
कैसे मिलेगा:लैब और निगरानी का नेटवर्क मजबूत किया जाएगा। आईसीएमआर भी मदद करेगा। सरकार जमीनी स्तर पर काम करने वाली स्वास्थ्य संस्थाओं में निवेश बढ़ाएगी। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन लॉन्च होगा।
कब मिलेगा:यह साफ नहीं है।
सरकार ने 56 दिनों में 20.97 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज दिए, इनमें से 11 लाख करोड़ रुपए की घोषणाएं इन 5 दिनों में हुईं
प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले (22 मार्च से 12 मई तक) |
1 लाख 92 हजार 800 करोड़ रुपए |
वित्त मंत्री की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस | 5 लाख 94 हजार 550 करोड़ रुपए |
दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस | 3 लाख 10 हजार करोड़ रुपए |
तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस | 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए |
चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस | 8100 करोड़ रुपए |
पांचवीं प्रेस कॉन्फ्रेंस | 40 हजार करोड़ रुपए |
आरबीआई के कदम | 8 लाख 1 हजार 603 करोड़ रुपए |
कुल | 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए |
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