संभावना है कि आप उन 5000 लोगों में से हैं जिन्हें पांच शीर्ष बीमा कंपनियाँ अपने यहाँ जून तिमाही में भर्ती करने वाली हैं। यह सभी को बराबर मौका देने वाली कंपनियां हैं। एक तरफ जब बाकी कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही हैं तो दूसरी तरफ जीवन बीमा और जनरल बीमा कंपनियां लॉक डाउन के खत्म होने के बाद लोगों को नौकरी देने के लिए तैयार बैठी हैं।
पीएनबी मेटलाइफ करेगी 3,000 लोगों की भरती
सूत्रों ने बताया कि पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस का लक्ष्य तिमाही के लिए 1,500 लोगों को भर्ती करने का है साल के अंत तक यह संख्या 3,000 तक बढ़ सकती है। केनरा एचएसबीसी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स लाइफ इंश्योरेंस जून के अंत तक 1,000 से अधिक लोगों की भर्ती करने के लिए तैयार है। इसका लक्ष्य उसकी पैरेंट कंपनी के रूप में सरकारी बैंकों के विलय के बाद प्राप्त ग्राहकों को अच्छी सेवा मुहैया करा सके।
टाटा एआईजी1,000 लोगों की करेगी भर्ती
इस बीच, टाटा एआईजी लगभग 1,000 लोगों की भर्ती करने की कोशिश कर रही है। इसकी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी टाटा एआईए लाइफ ने इस तिमाही में 500 लोगों को रोजगार देने की योजना शुरू की है। रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस ने पहले ही मई में 300 लोगों की भर्ती की है। जून में 400 और लोगों को जोड़ने की योजना है। ये फर्में महामारी से उभरते व्यापार के अवसरों को भुनाने के लिए तैयार हैं।
बैंकों के विलय के बाद पड़ेगी नए लोगों की जरूरत
टीमलीज के रिक्रूटमेंट सर्विसेज के प्रमुख अजय शाह ने कहा ती वित्तीय सेवाएं, विशेष रूप से बीमा, जीवन और व्यापार में बढ़ते जोखिम के मद्देनजर भर्ती गतिविधियाँ जारी रहेगी। इसका एक और पहलू यह है कि बीमा कंपनियों का बड़े स्तर पर विलय के बाद ज्यादा कस्टमर बेस होगा। इससे रोजगार का निर्माण भी होगा। सेल्स,, डिजिटल और बैंकाश्योरेंस के सेगमेंट में बड़े पैमाने पर भर्तियां चल रही हैं।
कैनरा एचएसबीसी ओबीसी लाइफ ने नेटवर्क का किया है व्सितार
सरकारी बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया गया था। यह दोनों पीएनबी मेटलाइफ में 30% की मालिक हैं। इसी तरह की मर्जर की कवायद ने केनरा एचएसबीसी ओबीसी लाइफ के बैंकाश्योरेंस नेटवर्क का भी विस्तार किया है। यहां हाल ही में विलय में ओबीसी प्रमोटर था। पीएनबी मेटलाइफ ने कहा कि पॉलिसी के तौर पर पीएनबी मेटलाइफ बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करता।
6 लाख से ज्यादा लोगों को डायरेक्ट रोजगार देता है बीमा सेक्टर
बीमा उद्योग प्रत्यक्ष कर्मचारी के रूप में 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। इसमें कॉन्ट्रैक्ट वर्करों को शामिल कर दिया जाए तो यह संख्या काफी बड़ी हो जाती है। चूंकि वित्त वर्ष 2018 के अंत तक केवल 35% आबादी ही चिकित्सा बीमा तक पहुंच पाई थी, अतः बीमाकर्ताओं का मानना है कि स्वास्थ्य-कवर सेगमेंट में महत्वपूर्ण अवसर मौजूद हैं। कई कंपनियां डिजिटल क्षमता बढ़ा रही हैं जो इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं। खासकर तब, जब नौकरी के नुकसान और वेतन में कटौती के कारण व्यापार में अनिश्चितता हावी है।
लॉकाउन के पहले हफ्ते में दिखा था गंभीर असर
रिलायंस निप्पॉन के सीईओ आशीष वोहरा ने कहा कि लॉकडाउन का असर पहले हफ्ते में काफी गंभीर रहा जब करीब 80% बिक्री गायब हो गई और आधे कलेक्शन पर इसका उल्टा असर पड़ा। क्योंकि ज्यादातर कंपनियां पूरी डिजिटल क्षमताओं के साथ तैयार नहीं थीं। हालांकि, एक हफ्ते के बाद स्थितियों में काफी सुधार आ गया जो यह बताता है कि ग्राहकों की तरफ से मांग बरकरार है। लोग अपने जीवन और निवेश को सुरक्षित रखना चाहते हैं और इसीलिए हम भर्तियां कर रहे हैं।
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