Finance Minister का स्पष्ट संदेश, औने-पौने दाम में नहीं बिकेंगी भारतीय कंपनियां - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Saturday, May 30, 2020

Finance Minister का स्पष्ट संदेश, औने-पौने दाम में नहीं बिकेंगी भारतीय कंपनियां

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) की वजह से देश की कई कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली है। जिसकी वजह से उन कंपनियों की मार्केट वैल्यू में भी काफी गिरावट आई है। ऐसे में कई ऐसे बड़े प्लेयर्स हैं, जो इन कंपनियों को खरीदने की फिराक में है, लेकिन सरकार ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने देगी। भारतीयों ने काफी मेहनत के साथ इन कंपनियों को खड़ा किया है। देश के लोगों की मेहनत इतनी सस्ती नहीं है कि उसे कोई भी औने पौने दामों में खरीदकर चला जाए। यह तमाम बातें देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहीं। आइए आपको भी बताते हैं कि आख्खिर उन्होंने और क्या कहा...

सरकार की चिंता
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इस बात पर बारीकी से नजर रखे हुए है कि कोई भी भारतीय औने-पौने दामों पर ना अधिग्रहित हो जाए। उन्होंने कि देश के लोगों ने अपने खून पसीने और कड़ी मेहनत के बल पर देश की कंपनियों को खड़ा किया है। आज परिस्थितियों की वजह से कुछ कंपनियों के ब्रांड मूल्य हल्की गिरावट का फायदा किसी को भी उठाने नहीं दिया जाएगा। सरकार चाहती है कि सबकुछ सामान्य होने के बाद कंपनियां अपने कारोबार को आगे की ओर लेकर जाएं।

आखिर सरकार की चिंता क्यों बढ़ी
वास्तव में लॉकडाउन के बीच एचडीएफसी लिमिटेड ( HDFC ) के शेयरों में भारी गिरावट देखने मिली है। जिसका फायदा उठाकर चीन के सेंट्रल बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ( Peoples Bank of China ) ने भारत के एचडीएफसी लिमिटेड के 1.75 करोड़ शेयर खरीद लिए। बीएसई से मिली जानकारी के अनुसार अब चीनी बैंक की एचडीएफसी लिमिटेड में 1.01 फीसदी की हिस्सेदारी हो गई है। जिसके बाद भारत सचेत हुआ है।

FDI Rules को किया बदलाव
चीनी बैंक के निवेश के बाद केंद्र सरकार जागी और एफडीआई नियमों को कठोर कर दिया। सरकार द्वारा नए नियम के अनुसार भारत से सीमाएं साझा करने वाले देशों से भारत में निवेश बिना सरकार की मंजूरी के नहीं होगा, चाहे वह किसी भी सेक्टर में हो। इससे पहले डिफेंस, टेलिकॉम, मीडिया, फार्मास्युटिकल्स और इंश्योरेंस को छोड़कर विदेशी निवेश को सरकार की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं थी।


No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages