कोरोनावायरस के कारण देश में जारी लॉकडाउन का असर लोगों के जेबों पर भी पड़ा है। कई लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में ये परेशानियां और भी बढ़ सकती हैं। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि हम इसकी तैयारी पहले से कर लें। ताकि भविष्य में होने वाले नुक़सान और पैसों की तंगी से निपटा जा सके। हम आपको बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
समय की गंभीरता को समझें
वर्तमान में और भविष्य में आने वाली वित्तीय समस्याओं से निपटने के लिए जरूरी हैं कि सबसे पहले मौजूदा स्थिति का आकलन करें। आप कितना कमाते हैं और अपनी कमाई कहां- कहां खर्च करते हैं, इसका हिसाब रखें। आपात स्थितियों के लिए पर्याप्त पैसा है या नहीं, यह सुनिश्चित करें। इससे आपको अपनी वित्तीय स्थिति का पता चलेगा। अगर कोई वित्तीय समस्या है, तो किन क्षेत्रों में ध्यान देने की आवश्यकता है ये पता चलेगा। इसी हिसाब से भविष्य के लिए योजना बनाएं।
इंश्योरेंस है जरूरी
अगर आपने अभी तक कोई बीमा पॉलिसी नहीं ली है तो अपनी जरूरत को ध्यान में रखकर सही पॉलिसीले लें। वहीं अगर पॉलिसी ले रखी है तो मौजूदा बीमा योजनाओं का विश्लेषण करें कि यह आपके लिए पर्याप्त है या नहीं। कई कंपनियां कोरोना के लिए स्पेशल बीमा पॉलिसी लॉन्च की हैं जिनमे आपको काम प्रीमियम में ज्यादा बीमा कवर मिलेगा।
भविष्य के लिए करें निवेश
भविष्य में ज़्यादा वित्तीय परेशानी और चिंता ना बढ़े, इसके लिए निवेश के सही विकल्प चुनें। म्यूचुअल फंड में एसआईपी के ज़रिए निवेश कर सकते हैं। छोटी बचत योजनाएं जैसे पीपीएफ, पोस्ट ऑफिस बचत योजना आदि में वित्तीय ज़रूरतों के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। ये योजनाएं शादी, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल आदि के लिए पैसों की ज़रूरत को पूरा करती हैं। साथ ही टैक्स की बचत भी होती है। भविष्य में इन निवेशों का लाभ उठा सकते हैं।
खर्चों में करें कटौती
इस स्थिति से निपटने के लिए सबसे पहले अपने ख़र्चों का हिसाब लगाएं और फालतू खर्च पर रोक लगाएं। अगर पिछले पचास दिनों का विश्लेषण करें, तो आपके ख़र्च स्वयं नियंत्रित हो गए हैं। आप आराम से अपनी ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। ना कहीं आने-जाने में ख़र्च हुआ है और ना बाहर खाने पर। इनके अलावा फ़िज़ूल की ख़रीदारी और ख़र्च भी बंद हैं। इनको इसी तरह आगे भी नियंत्रित रखना है। इस दौर मेंअपने घर का काम खुद करने की आदत डालनी चाहिए। जिन कामों का अभी तक आप मोल चुकाते थे, उन्हें अगर खुद कर सकते हैं तो करें और पैसे बचाएं।
नए कर्ज़ लेने से बचें
इस दौर में जितना हो सके कर्ज लेने से बचें। क्योंकि अगर आप कर्ज लेते हैं तो आपको बाद में इसे लौटना भी पड़ेगा ऐसे में ये आगे चलकर आपके लिए समस्या बन सकता है। इसके अलावा किस्तों पर भी तब तक कोई सामान न लें जब तक उसकी आपको बहुत जरूरत हो। इसके अलावा अगर कुछ खरीदना ही है तो उसका सही से आकलन करें कि कहीं आप उसकी ज्यादा कीमत तो नहीं चुका रहे हैं। ख़रीदारी के दौरान इस तरह की छोटी-छोटी समझदारियां लाभ देंगी।
पार्टनर को दें अपने निवेश की जानकारी
आपने जहां भी और जितना भी निवेश कर रखा है इसकी जानकारी अपनी जीवनसाथी को दें। ताकि वो विपरीत समय में उसका उपयोग कर सके। अगर आप अपने जीवन साथी को अपने निवेश या सम्पत्ति के जानकारी नहीं देते हैं और आपको कुछ हो जाता है तो वो उनके काम नहीं आ सकेगी और आपका निवेश किसी काम का नहीं रहेगा।
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