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Tuesday, May 26, 2020

उबर इंडिया और कारदेखो ने 800 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, टीवीएस मोटर्स 6 महीने तक सैलरी में कटौती करेगी

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का कारोबार पर वैश्विक स्तर पर बुरा असर पड़ा है। कामकाज ठप होने और मांग नहीं होने के कारण कंपनियों के सामने नकदी का संकट पैदा हो गया है। इस संकट से निपटने के लिए कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी और सैलरी में कटौती का सहारा ले रही हैं। अब तक भारत समेत वैश्विक स्तर पर बड़ी संख्या में कंपनियों ने ऐसे कदम उठाए हैं। अब उबर इंडिया, कारदेखो डॉट कॉम और टीवीएस मोटर्स भी इस कतार में खड़ी हो गई हैं।

उबर इंडिया ने 600 कर्मचारियों को निकाला

कैब सेवा प्रदात कंपनी उबर ने भारत में 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह उबर की देश में कुल वर्कफोर्स का करीब 25 फीसदी है। यह छंटनी कस्टमर एंड ड्राइवर सपोर्ट, बिजनेस डवलपमेंट, लीगल, फाइनेंस और मार्केटिंग वर्टिकल्स से की गई है। उबर ने घोषणा की है कि इन छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों को 10 सप्ताह का पे-आउट और अगले 6 महीने के लिए मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज दिया जाएगा। कंपनी ने जिन 600 कर्मचारियों को निकाला है, वह सभी स्थायी कर्मचारी थे। उबर के इंडिया एंड साउथ एशिया प्रेसीडेंट प्रदीम परमेश्वरन ने कहा कि नौकरियों में यह कटौती हाल ही घोषित की गई वैश्विक जॉब कट का हिस्सा है। उबर ने वैश्विक स्तर पर कुल 6700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है जो उसके कुल वर्कफोर्स का करीब 25 फीसदी है।

कारदेखो डॉट कॉम ने करीब 200 कर्मचारियों को निकाला

ऑटोमोबाइल प्लेटफॉर्म कारदेखो डॉटकॉम ने कर्मचारियों को निकालने और सैलरी में कटौती का फैसला किया है। कंपनी ने नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या की जानकारी नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने करीब 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। कारदेखो डॉट कॉम की पेरेंट कंपनी गिरनरसॉफ्ट ग्रुप का कहना है कि कोविड-19 की वजह से इंडस्ट्री में अवरोध उत्पन्न हुआ है और ऑटो सेक्टर इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने सैलरी में पे-पैकेज के आधार पर 12 से 15 फीसदी तक की कटौती का फैसला किया है। वहीं वरिष्ठ प्रबंधन की सैलरी में 45 फीसदी तक की कटौती होगी।

मई से 6 महीने तक सैलरी में कटौती करेगी टीवीएस मोटर्स

देश की प्रमुख दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी सोमवार देर रात कहा कि वह अगले 6 महीने तक अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करेगी। सैलरी में यह कटौती मई महीने से लागू होगी। हालांकि, कंपनी ने कहा कि सैलरी में कटौती का यह फैसला वर्कमैन स्तर के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। कंपनी के मुताबिक जूनियर एक्जीक्यूटिव की सैलरी में 5 फीसदी और वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर 15 से 20 फीसदी तक की कटौती होगी। टीवीएस मोटर्स ने 40 दिनों बाद 6 मई से ही अपने होसूर, मैसूर और नालागढ़ यूनिट में उत्पादन शुरू किया है।

ओला भी कर चुका है 1400 कर्मचारियों की छंटनी

कैब सेवा प्रदाता सेक्टर में उबर की प्रतिद्वंदी कंपनी ओला ने भी कोरोना आपदा से निपटने के लिए कर्मचारियों की छंटनी शुरू की है। पिछले सप्ताह ही ओला ने 1400 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। यह देश में ओला की कुल वर्कफोर्स का 35 फीसदी संख्या है। लॉकडाउन के कारण सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ी है। इस कारण कैब सेवा प्रदाता कंपनियों की आय बुरी तरह से प्रभावित हुई है। हालांकि, लॉकडाउन-4 में सरकार ने प्रतिबंध में कुछ छूट दी हैं। इससे थोड़ा कारोबार शुरू हुआ है। इसके अलावा वित्तीय सेवाएं और फूड कारोबार करने वाली कंपनी शेयरचैट भी 100 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है।

टाटा ग्रुप के प्रमुखों की सैलरी में 20 फीसदी की कटौती होगी

कोरोना आपदा से निपटने के लिए लागत में कटौती के सामूहिक उपायों के तहत टाटा संस के चेयरमैन और ग्रुप की सभी कंपनियों के सीईओ की सैलरी में 20 फीसदी की कटौती का फैसला लिया गया है। टाटा ग्रुप के इतिहास में पहली बार सैलरी कटौती जैसा फैसला लिया गया है। यह फैसला कर्मचारियों को प्रेरित करने और संस्थान की कारोबारी व्यवहार्यता को सुनिश्चित करने का उदाहरण पेश करने के मकसद से लिया गया है। टाटा ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने सबसे पहले सैलरी में कटौती की घोषणा की है। एक एक्जीक्यूटिव के मुताबिक टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, ट्रेंट, टाटा इंटरनेशनल, टाटा कैपिटल, वोल्टास के सीईओ और एमडी की सैलरी में भी कटौती होगी।

लॉकडाउन से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है ऑटो सेक्टर

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से ऑटो सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सियाम के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में कोरोना संक्रमण के सामने आने के बाद से अब तक पैसेंजर कार सेगमेंट में 51 फीसदी बिक्री प्रभावित हुई है। वहीं इस अवधि में कॉमर्शियल व्हीकल की बिक्री 88 फीसदी, थ्रीव्हीलर की बिक्र 58 फीसदी और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 40 फीसदी की गिरावट आई है।




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