देश की शीर्ष कंपनियों को वर्तमान में लेबर और लॉजिस्टिक्स से रेवेन्यू को नुकसान पहुंच रहा है। यह जानकारी कंपनियों ने पूंजी बाजार नियामक सेबी को दी है। सेबी ने हाल में लिस्टेड कंपनियों को महामारी के कारण अपने अनुमानित और अपेक्षित नुकसान का विस्तार से खुलासा करने का आदेश दिया था। इसके एक हफ्ते बाद, कुछ प्रमुख कंपनियों के खुलासे से यह बात सामने आई है।
25 कॉर्पोरेट्स ने एक्सचेंज पर दियाजानकारी
एक्सचेंज पर अपने बिज़नेस पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव का खुलासा करने वाले लगभग 25 कॉर्पोरेट्स ने जानकारी दी है। इसमें प्रमुख रूप से भारत फोर्ज, टाइटन, एवेन्यू, डाबर और एल जी बालाकृष्णन आदि शामिल हैं। वैश्विक ऑटो की बड़ी कंपनी पुणे स्थित भारत फोर्ज ने कहा कि भारत और जर्मनी में अपने परिचालन के बंद होने के बाद इसने नए और सख्त परिचालन नियमों के तहत दोनों फैसिलिटीज में आंशिक रूप से कामकाज फिर से शुरू कर दिया है। अमेरिका और यूरोप में इसकी फैक्टरी क्षमता से कम स्तर पर चल रही हैं।
डी मार्ट की बिक्री अप्रैल में 45 प्रतिशत गिरी
डी-मार्ट चेन चलाने वाले रिटेलिंग मेजर एवेन्यू सुपरमार्ट्स ने कहा कि अप्रैल 2020 में अप्रैल 2019 की तुलना में इसकी बिक्री 45 प्रतिशत कम है। इसने अपने फ्रंटलाइन स्टॉफ को बड़ी मुश्किल से सैलरी का भुगतान किया। टाटा ग्रुप की घड़ियों से लेकर ज्वैलरी वाली रिटेलिंग आर्म टाइटन ने कहा कि अक्षय तृतीया पर बिक्री नदारद हो गई। 27 मई तक इसके करीब 43 प्रतिशत स्टोर नए सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निर्देशों के तहत चालू हुए।
सामान्य ऑपरेशन पर पड़ेगा असर
कंपनी ने बीएसई को दिए बयान में कहा कि ऑनलाइन व्यापार की हिस्सेदारी कुल बिक्री का लगभग 2 प्रतिशत है। जो स्टोर खुल गए हैं, उनकी बिक्री सामान्य अवधि की अपेक्षा आधी है और इसमें धीरे से सुधार हो रहा है। कॉर्पोरेट्स ने कहा कि सामान्य ऑपरेशन शुरू करने में लेबर और लॉजिस्टिक्स को भी बड़ी बाधाओं के रूप में देखा जाता है।
कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर भी होगा असर
कोविड-19 के भविष्य के प्रभाव पर चर्चा करते हुए, बैंगलोर स्थित रियल एस्टेट फर्म पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने कहा कि कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के अस्थायी निलंबन से महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव पड़ने की संभावना है। के बारे में हाल फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा लेबर की भारी कमी है। हालांकि हमें उम्मीद है कि स्थिति नियंत्रण में आने के बाद व्यापार की स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।
लेबर और ड्राइवर का पलायन है चुनौती
वीआरएल लॉजिस्टिक्स ने कहा कि लेबर और ड्राइवर के पलायन ने शुरू में इसके संचालन पर भारी दबाव डाल दिया है। कंपनी ने कहा, हालांकि, यह एक आवश्यक सेवा प्रदाता है और पिछले दो महीनों में यह अपने संचालन का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त संख्या में ड्राइवर और श्रमिकों का प्रबंधन करने में सक्षम रहा है। कंपनी ने कहा, "लेकिन हमें पर्याप्त जनशक्ति के लिए पहले से अच्छी तरह से तैयार होने की आवश्यकता होगी क्योंकि आगे चलकर धीरे-धीरे इसकी जरूरत अपेक्षा के अनुसार बढ़ती जाती है।"
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