पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) ट्रेडिंग के क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विषयों में से एक है। हालांकि, यह सबसे अधिक उपेक्षित भी है, खासकर नए निवेशकों द्वारा। फिर भी अनुभवी निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से संतुलित रखते हैं। दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में समान संपत्ति निवेश में भी विविधता का पालन होता है। ऐसा करने से उनके समग्र रिटर्न में सुधार के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।
पोर्टफोलियो में विविधता का पालन क्यों जरूरी है?
एंजल ब्रोकिंग के मुख्य सेल्स अधिकारी संदीप भारद्वाज कहते हैं कि न तो बाजार और न ही इसके अलग-अलग क्षेत्रों में एक-सी प्रतिक्रिया होती है। इस वजह से जब आप किसी विशेष सेगमेंट या बड़े स्तर पर बाजार में कोई घटना देख रहे हों, तो किसी क्षेत्र में ज्यादा रुझान दिखता है तो किसी में कम दिखता है। कभी-कभी इसका उलटा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए बाजार की मौजूदा स्थिति पर विचार करें।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव में होती है मदद
वे कहते हैं कि शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है और पिछले दो महीनों में सभी शेयर्स ने करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। दूसरी ओर, फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्रों ने इसी समय में वृद्धि दर्ज की है। एफएमसीजी सेक्टर भी अच्छा खासा बढ़ा है। ऐसे में एक बुद्धिमान निवेशक के रूप में आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव की स्थिति में नुकसान कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। ऐसे में जब रुझान आपके पक्ष में होगा तो आपका रिटर्न भी कई गुना बढ़ चुका होगा।
आपको निवेश कैसे करना चाहिए?
शुरुआत में यह अच्छे से समझ लीजिए कि पोर्टफोलियो बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। हालांकि, इस पर लागू होने वाले फैक्टर आपको पता होना चाहिए। अलग-अलग उद्योगों, वर्टिकल्स व अन्य प्रासंगिक डायनॉमिक्स जैसे रेगुलेटर स्ट्रक्चर, कंपनी प्रबंधन सप्लाई-डिमांड आदि सभी फैक्टर्स को मिलाकर आसानी से बाजार को समझा जा सकता है। आपकी समझ जितनी ज्यादा होगी, आपका मूल्यांकन उतना ही सटीक होगा।
पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लानी चाहिए?
पोर्टफोलियो में विविधता पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत निवेश रणनीति पर निर्भर करती है। सेक्टर्स, बाजार पूंजीकरण (लार्ज कैप / मिड कैप / स्माल कैप), या निवेश साधन के संदर्भ में विविधता लाई जा सकती है। विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो को अच्छा तब कहेंगे जब उसमें सिक्योरिटीज (विभिन्न क्षेत्रों और कंपनी के आकारों से संबंधित) और कमोडिटी (बुलियन और बेस मेटल्स सहित) एवं करेंसी शामिल हो। उदाहरण के लिए भारत में लॉकडाउन 31 मई, 2020 को समाप्त होने वाला है।
एक अच्छे निवेशक के रूप में, आपको हमेशा दूसरे विकल्प पर भी विचार करना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को उसके अनुसार संतुलित करना चाहिए।
लक्ष्य बनाएं और नुकसान को बचाएं
इसमें दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए लेकिन संबंधित लक्ष्य तय करना और नुकसान को रोकना हमेशा याद रखें। इसमें कोई भी फैसला भावनाओं में आकर न लें। इससे आपको अपने निवेश के साथ लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलेगी। आपके अनूठे निवेश पैटर्न और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर विविधीकरण पूरी तरह से आपको तय करना है। याद रखें कभी भी एक ही सेक्टरमें निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है।
एक निवेशक होने के नाते आपके पास बाजार और अपने प्रमुख शेयरों या संपत्तियों के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतना बेहतर होगा। आखिर, ज्ञान और सही नजर ही बाजार में सच्चे गेम-चेंजर हैं।
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