भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने सरकार को राहत पैकेज लाने के लिए बधाई देते हुए अपना पूरा लोन चुकाने की गुजारिश की है। उसने कहा है कि उसके खिलाफ चल रहे सभी मामले बंद कर दिए जाएं। माल्या ने ट्वीट किया कि मुझसे सारा पैसा बिना शर्त ले लीजिए और मामला खत्म कर दीजिए।
माल्या मामले को घुमा रहा है
लेकिन कानून के जानकार माल्या के इस कदम को घातक मान रहे हैं। उनका मानना है कि माल्या की इस तरह की किसी सलाह को नहीं मानना चाहिए। क्योंकि यह सलाह कानून के दायरे में नहीं बैठती है।मुंबई हाईकोर्ट में भारत सरकार के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजेंद्र रघुवंशी कहते हैं कि विजय माल्या की बात को कैसे माना जा सकता है? क्या उसके पास पैसे हैं? वह बस इस मामले को घुमा रहा है। उसके पास पैसे नहीं हैं। दूसरी बात यह है कि अगर उसके पास पैसे हैं भी तो इससे अपराध थोड़े खत्म हो सकता है।
उदाहरण के लिए मैने मर्डर कर दिया। फिर आप कहो कि मर्डर करके उसे चुका दो, तो ऐसा नहीं होता है। आप एक थप्पड़ मारो मै एक थप्पड़ मारूं, ऐसे तो कानून नहीं चलेगा। कानून के खिलाफ अपराध है। उसकी सजा तो होगी और होनी चाहिए।
अपराध कभी माफ नहीं होता है
आईपीएस की नौकरी छोड़ कर कॉर्पोरेट वकील बने वाई.पी. सिंह भी कुछ इसी तरह की राय रखते हैं। सिंह कहते हैं कि विजय माल्या के मामले में सिविल और क्राइम दोनों है। केवल सिविल होता तो एक बार के लिए सोचा जा सकता था। लेकिन क्राइम को कैसे सेटल करेंगे? उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी करके कर्ज लेना यह तो क्राइम है। क्राइम कभी खत्म नहीं होता है।उन्होंने कहा कि उसके पैसे देने या न देने का मतलब नहीं है। सरकार चाहे तो उसकी प्रापर्टी सीज करके पैसे वसूल सकती है। सरकार ने थोड़ा बहुत किया भी है। इसलिए पैसा देकर कानून से बचने की यह प्रक्रिया सही नहीं है।
विजय माल्या मामले को दूसरी दिशा में मोड़ना चाह रहा है। चूंकि केस कोर्ट में है। इसलिए यह सरकार का मैटर भी नहीं है। यह तो अब ज्यूडिसियरी मैटर है।
क्या है मामला ?
विजय माल्या भारतीय बैंकों से करीबन 6,000 करोड़ रुपए प्रिंसिपल और 3,000 करोड़ रुपए ब्याज की रकम लेकर विदेश भाग गया है। कुल मिलाकर 9,000 करोड़ रुपए उसे चुकाने थे। लेकिन इसी दौरान वह भारत छोड़ गया। हालांकि पिछले कुछ सालों से उसने कई बार यह बात दोहराई है कि भारत सरकार बकाया पैसे ले ले। लेकिन सरकार की ओर से या बैंकों की ओर से इस पर कोई जवाब कभी नहीं दिया गया। कई बैंकों ने उसके खिलाफ अलग-अलग अदालतों और जांच एजेंसियों के पास मामला दर्ज कराया है।
माल्या ने फिर अब क्यों पैसा देने की बात कही?
14 मई को लंदन हाईकोर्ट ने विजय माल्या की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में अपील करने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। इस अपील के खारिज होने के बाद अब उसको 28 दिनों में भारत लाया जा सकेगा। इस अपील के खारिज होने के साथ ही माल्या के पास अब कोई और कानूनी विकल्प नहीं बचा है। अब माल्या के मुद्दे पर यूके की होम सेक्रेटरी प्रीती पटेल अंतिम फैसला लेंगी। इसके पहले वह लंदन हाई कोर्ट में अपने भारत प्रत्यर्पण मामले को हार चुका था।
गौरतलब है कि शराब कारोबारी विजय माल्या भारत में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। विजय माल्या लंबे समय से लंदन में रह रहा है।
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