कोरोना महामारी के संकट से उबरने के लिए प्रधानमंत्री के बताए 20 लाख करोड़ के पैकेज के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा।इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुश्किल हालातों से गुजर रहीं राज्यों की पावर जनरेटिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था।
बिजली कंपनियों को समय पर मिलेगा पैसा
बिजली के क्षेत्र में बदलाव होंगे। उपभोक्ताओं को उनके अधिकार मिलेंगे। डिस्कॉम को पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवानी होगी। बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को सुविधाओं के आधार पर चुना जाएगा। बिजली कंपनियों को समय पर पैसा मिले, इसका ध्यान रखा जाएगा। स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। केंद्र शासित राज्यों में डिस्कॉम के निजीकरण के कदम उठाए जा रहे हैं, इससे सर्विस में सुधार होगा। सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 8100 करोड़ दिए जाएंगे। 30% वायवैलिटी गैप फंडिंग के आधार पर यह रकम दी जाएगी।
डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को कर्ज से मिलेगी राहत
डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को पावर जनरेशन कंपनियों और ट्रांसमिशन कंपनियों को 94 हजार करोड़ रुपए चुकाने हैं, लेकिन उनके पास पैसे की कमी है। इस एक बार के लिक्विडिटी इन्फ्यूजन से सेंट्रल पब्लिक सेक्टर की पॉवर जेनरेशन कंपनियों, ट्रांसमिशन कंपनियों, निजी कंपनियां और रिन्यूवल एनर्जी जेनरेटर्स को पेमेंट किया जा सकेगा। राज्य सरकारों द्वारा संचालित पीएफसी और आरईसी के पास छह लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। ये पॉवर सेक्टर की सबसे बड़ी कर्ज देने वाली कंपनियां हैं।
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन डिस्कॉम को फायदा होगा
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन डिस्कॉम कंपनियों को यह मदद मिलेगी। दरअसल, पिछले दोनों लॉकडाउन, कोरोनावायरस आदि के चलते बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी आई है। इसके चलते बिजली उत्पादन और वितरण करने वाली कंपनियों के लिए यह प्रावधान किया गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment