कोरोना के बढ़ते कहर का असर अर्थव्यवस्था पर भी हुआ है। आर्थिक मंदी के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई है तो कईयों की खतरे में है। ऐसे में लोगों को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है। अगर आपको भी यही दर सता रहा है तो जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी से इसे दूर कर सकते हैं। ये आपके बुरे समय में आपको आर्थिक रूप से सपोर्ट करेगा।
ये देगा वित्तीय सुरक्षा
अगर पॉलिसी में दिए गए कारणों की वजह से नौकरी जाती है तो व्यक्ति को कवर की रकम मिलती है। इन कारणों में गंभीर बीमारी या दुर्घटना के कारण पूरी या स्थाई तौर पर दिव्यांग होना हो सकता है। यह मुख्य पॉलिसी के साथ राइडर या ऐड ऑन कवर की तरह उपलब्ध होती है।
क्या होगा कवर?
पॉलिसी के तहत नौकरी जाने या अस्थाई तौर से निलंबन पर वित्तीय कवरेज मिलता है। इसके अलावा बीमाकर्ता आपके द्वारा चलाए जा रहे तीन सबसे बड़े ईएमआई का भुगतान भी बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है।
कौन ले सकता है पॉलिसी?
इसके लिए आपके पास सैलरी के तौर पर आय होनी चाहिए। इसके अलावा जिस कंपनी में आवेदक नौकरी कर रहा है, वह रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
कैसे मिलता है क्लेम
नौकरी चले जाने पर, पॉलिसीधारक को बीमा कंपनी को सूचित करना होता है। इसके साथ नौकरी न होने का प्रमाण और इसके साथ अन्य दस्तावेज देने होते हैं। इसके बाद बीमा कंपनी क्लेम की जांच करती है अगर उसे सही पाया जाता है, तो बीमा कंपनी क्लेम की राशि का भुगतान करती है।
इन स्थितियों में नहीं मिलेगा कवर
खराब प्रदर्शन या धोखाधड़ी आदि की वजह से अगर आपकी नौकरी जाती है तो इस पर कवर नहीं मिलता। अगर व्यक्ति की नौकरी वेटिंग पीरियड के दौरान चली जाती है या प्रोबेशन पीरियड के दौरान नौकरी छूटती है, तो उसे कवर नहीं किया जाएगा।
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