नई दिल्ली: COVID-19 महामारी के कारण दुनियाभर में ट्रैवेल पर बैन लगा है । लगभग 96 फीसदी टूरिज्म डेस्टिनेशन बैन किये जा चुके है। जिसकी वजह से ट्रैवेल इंडस्ट्री का बुरा हाल है। विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) का कहना है कि कोरोना ने जिस तरह से ट्रैवेल इंडस्ट्री को प्रभावित किया है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। संगठन ( united nations ) का दावा है कि वित्तीय वर्ष 2020 में ये इंडस्ट्री 80 फीसदी तक गिरावट झेलेगी । जिसके चलते 910 अरब डॉलर से लेकर 1200 अरब डॉलर तक की कमाई का नुकसान होगा और लाखों लोगों की आजीविका संकट में पड़ जाएगी।
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संगठन ने अपनी रिपोर्ट में 2020 की पहली तिमाही के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आय में 22 प्रतिशत की गिरावट होने की बात कही है।
इससे पहले अप्रैल में यूएन ने रिपोर्ट में कहा था कि अप्रैल पहले सप्ताह तक दुनिया भर के 96 फीसदी डेस्टिनेशन पर बैन लगा हुआ था । 90 विश्वस्तरीय डेस्टिनेशन को कंप्लीटली बंद कर दिया गया था जबकि 44 जगहों को उस देश के हालात और टूरिस्ट के आनें की जगह के हिसाब से खोला गया है।
संगठन का कहना है कि सरकारों ने महामारी की वजह से पब्लिक हेल्थ को प्रॉयारिटी देते हुए ये फैसला किया है । जिसकी वजह से इस इंडस्ट्री से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार होने की कगार पर है। ऐसे में संगठन ने सरकारों से दोबारा इन प्रतिबंधों को रिव्यू कर इनमें थोड़ी सी ढील देने की गुहार लगाई है।
एशिया है ज्यादा बुरा हाल- प्रतिबंधों की बात करें तो अफ्रीका, एशिया पैसिफिक में 100 फीसदी बैन लगा है जबकि अमेरिका ने 92 फीसदी टूरिस्ट प्लेस को बंद कर रखा है। जबकि यूरोप ने 93 फीसदी जगहों पर बैन लगा रखा है। कोरोना की चपेट में एशिया में ज्यादा लोग आए हैं जबकि यूरोप में इसका असर कंपैरिटिवली कम है।
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