नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग में WORLD BANK एक बार फिर से भारत की मदद के लिए आगे आया है। World Bank ने भारत को सामाजिक सुरक्षा ( SOCIAL SECURITY ) पर खर्च करने के लिए 1 बिलियन डॉलर यानि लगभग 7500 करोड़ रुपए का राहत पैकेज ( Relief Package for India ) दिया है। विश्व बैंक की तरफ से दी गई ये रकम भारत द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक सुरक्षा प्रोग्राम में खर्च की जाएगी ।
भारत में World Bank के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि "यह पैकेज शहरी गरीबों के प्रति सामाजिक सुरक्षा ( SOCIAL SECURITY ) को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण होगी, साथ ही उन्होने काह कि पीएम मोदी ( PM MODI ) द्वारा चलाए जा रहे आत्मनिर्भर भारतत मिश के लिहाज से भी ये बेहद अहम है। भारत कोविड19 के बाद के जीवन और आजीविका के बीच अंतर नहीं कर रहा है।‘’ WORLD BANK द्वारा 7500 करोड़ रुपए ( Covid-19 Relief Package ) की ये मदद भारत के कोविड-19 के खिलाफ प्रयासों के मद्देनजर दी गई है। अहमद ने कहा कि इस पैकेज की मदद से भारत अपनी सभी 400 से अधिक सामाजिक सुरक्षा योजना को प्रौद्योगिकी के स्तर पर एकीकृत करने में सक्षम होगा।
WORLD BANK की तरफ से मिलने वाली ये मदद पिछले महीने संस्था द्वारा घोषित 1 बिलियन ( 7500 करोड़ रुपए ) के अतिरिक्त होगी यानि W.B द्वारा भारत को पूरे 15000 करोड़ की मदद अब तक दी जा चुकी है।
ASIAN DEVELOPMENT BANK भी कर चुकी है मदद का ऐलान-
यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि भारत को पिछले महीने एशियन डेवलपमेंट बैंक ( ASIAN DEVELOPMENT BANK ) ने कोरोनो के खिलाफ जंग में 1.5 अरब डॉलर का पैकेज देने का ऐलान किया था। इसके अलावा न्यू डेवलपमेंट बैंक ( NEW DEVELOPMENT BANK ) की तरफ से भी भारत को एक अरब डॉलर इमरजेंसी फंडिंग का ऐलान किया जा चुका है।
किस तरह प्राप्त होगी रकम- आपको मालूम हो कि World Bank द्वारा दी जाने वाली ये रकम भारत को अलग अलग हिस्सों में मिलेगी 7500 करोड़ में लगभग 4000 करोड़ की राशि International Development Association (IDA) ( IDA , world bank की सहायक बैंक है ) लोन के रूप में और 1500 करोड़ रुपए की मदद International Bank for Reconstruction and Development (IBRD) द्वारा 18.5 सालों के लिए लोन के रूप में दी जाएगी जबकि शेष राशि जून 2020 के अंत तक दी जाएगी।
भारत में कोरोना के हालात- भारत में कोरोना ( coronavirus ) के मरीजों की संख्या लगभग 82000 पहुंच चुकी है । महामारी ने देश में प्रकोप तब धारण किया है जबकि भारत ने सिर्फ 500 मरीजों के पाए जाने पर ही पूरे देश में लॉकडाउन ( CORONA LOCKDOWN ) घोषित कर दिया था। 25 मार्च से लागू हुए इस लॉकडाउन की वजह भारत की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है लेकिन मानवीय संपदा को महत्व देते हुए भारत सरकार ने ल़ॉकडाउन के फैसले को कायम रखा है।
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