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Thursday, June 11, 2020

पढ़ाई के दौरान सॉफ्टबैंक के सीईओ के ऑफर को ठुकराया, 20 साल में खुद खड़ी की बिलियन डॉलर की आईटी कंपनी

मार्च 2000 की बात है। जब सुगया ने एक बिजनेस कंपटीशन में पुरस्कार जीता था। सॉफ्टबैंक कॉर्पोरेशन की स्थापना करनेवाले मासायोशी सोन इस अवसर पर जज के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने सोन को धन्यवाद देने के लिए एक ईमेल भेजा। इसके बाद दोनों ने मुलाकात की औरसॉफ्टबैंक ने सुगया के आइडियो को 2.8 मिलियन डॉलर में खरीदने या फिर उसे कंपनी में शामिल होने और स्टॉक ऑप्शन प्राप्त करने की पेशकश की। सुगया ने सॉफ्टबैंक के इस ऑफर को ठुकरा दिया।

सॉफ्ट बैंक के ऑफर ने मेरा विश्वास बढ़ाया

सुगया ने एक वीडियो इंटरव्यू में कहा कि सॉफ्टबैंक के ऑफर ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ा दिया। उस समय मैं एक छात्र था और इस ऑफर सेमैं बहुत खुश था। ऑफर के लिए मैं उनका बहुत आभारी था। लेकिन मैंने उसे मना कर दिया और खुद करने का फैसला किया। सुगया ने अपनी कंपनी ऑप्टिम कॉर्प शुरू की। यह कंपनी अब ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी) टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल करते हुए बिजनेस-मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है।

कोविड-19 के चलते लोगों की दूर से काम करने की जरूरत बन गई है

सुगया का नाम सोन के साथ जापान में अरबपतियों की लिस्ट में शामिल होने के करीब है। कोरोनावायरस महामारी के दौरान दूर से काम करना लोगों की एक जरूरत बन गई है। इस कारण ऑप्टिम के शेयरों में इस साल 79 प्रतिशत की बढ़त हुई है। ब्लूमबर्ग अरबपतियों के इंडेक्स के अनुसार कंपनी में सुगया की नेटवर्थ लगभग 64 प्रतिशत है। यानी यह 990 मिलियन डॉलर हो गई है। ऑप्टिम के प्रेसिडेंट सुगया के अनुसार, वायरस ने जापान की कंपनियों में एनालॉग से डिजिटल ट्रेड प्रैक्टिस में बदलाव को तेज कर दिया है।

43 वर्ष के सुगया प्राथमिक स्कूल में एक कंप्यूटर प्रोग्रामर थे

उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों के दौरान डिजिटलीकरण ने काफी तेजी से प्रगति की है। यह एक टेलविंड की तरह लगता है। 43 वर्षीय सुगया पहले प्राथमिक स्कूल में एक कंप्यूटर प्रोग्रामर थे। ऑप्टिम की स्थापना साल 2000 में की गई थी। इसने इंटरनेट वीडियो विज्ञापन सेवाएं देना शुरू कर दिया। इसने इंटरनेट कनेक्शन सेवा बनाने के लिए एआई और आईओटी में हाथ आजमाया। क्योंकि यह टेलीकॉम कंपनी निप्पॉन टेलीग्राफ एंड टेलीफोन कॉर्प के साथ काम कर रहा था।

ऑप्टिम ने रिमोट सेवाएं विकसित किया

ऑप्टिम ने एक सॉफ्टवेयर बनाया ताकि ग्राहक खुद कनेक्शन स्थापित कर सकें और बाद में रिमोट सपोर्ट सेवाएं विकसित किया। इसके बाद ऑप्टिम ने अपनी रिमोट कंट्रोल टेक्नोलॉजी का विस्तार किया। इसकी ऑप्टीमल बिज लाइन कंपनियों के कर्मचारियों के मोबाइल उपकरण को नियंत्रित करने और सुरक्षित करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह रिमोट लॉकिंग और खोए या चोरी किए गए उपकरणों के डेटा लीकेज को रोकने जैसी सेवा प्रदान करता है।

जापान के मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट बाजार में इस प्रोडक्ट का 40 प्रतिशत हिस्सा है

कंपनी के अनुसार, जापान के मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट बाजार में इस प्रोडक्ट का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है। इचियोशी रिसर्च इंस्टीट्यूट इंक के विश्लेषक कानाम फुजिता ने कहा कि यह एक ऐसी तकनीक है जिसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है। जापानी सरकार द्वारा अपने वायरस राहत प्रयासों के हिस्से के रूप में सभी लोगों को 1 लाख येन (928 डॉलर) देने के बाद ऑप्टिम ने अपने ऑप्टिकल रिमोट उत्पाद का मुफ्त उपयोग करने देने का फैसला किया। यह स्क्रीन शेयरिंग द्वारा पीसी को स्मार्टफोन से जोड़ता है।

ऑप्टिम की सेवाओं का उपयोग अब कई क्षेत्रों में हो रहा है

कंपनी के प्रवक्ता केइची योकोयामा ने कहा कि इससे लोगों को पैसे का दावा करने के लिए सरकारी कार्यालयों में अनावश्यक यात्राओं से बचने में मदद मिलेगी। ऑप्टिम की टेक्नोलॉजी का उपयोग अब कंस्ट्रक्शन, स्वास्थ्य देखभाल, खुदरा और फाइनेंस सहित कई उद्योगों में किया जाता है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक प्रमुख बिजनेस पार्टनर्स में सॉफ्टबैंक, केडीडीआई कॉर्प और कोमात्सु लिमिटेड शामिल हैं।

पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 6.25 करोड़ डॉलर रहा

ऑप्टिम ने वियतनाम के साथ शुरू कर दक्षिण पूर्व एशिया में कदम रखा है। सुगया के अनुसार यह उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विस्तार शुरू करने के लिए किया गया है। ऑप्टिम एआई-आधारित इमेज-विश्लेषण क्षमताओं से लैस कृषि ड्रोन भी प्रदान करता है। वे कीड़ों के नुकसान को पहचान सकते हैं। केवल प्रभावित क्षेत्रों पर कृषि रसायनों का छिड़काव भी कर सकते हैं। ऑप्टिम लगभग बुक वैल्यू के 57 गुना मूल्य पर ट्रेड करता है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 62.5 मिलियन डॉलर रहा है। इसका लाभ 1.1 मिलियन डॉलर रहा है। मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.6 अरब डॉलर है।

वास्तव में मुझे पैसे की परवाह नहीं है-सुगया

सुगया ने कहा कि मुझे वास्तव में पैसे की परवाह नहीं है। सोन के ऑफर को ठुकरा देने के करीब दो दशक बाद उनका कहना है कि अगर कंपनी नई चीजें बनाना जारी रखेगी तो रेवेन्यू और प्रॉफिट होता रहेगा। उन्होंने कहा कि 20 साल के सफर में, मैं चाहता हूं कि हम एक ऐसी कंपनी के नाम से जाने जाएं जिसके बारे में लोग कहें कि ऑप्टिम ने एआई और आईओटी की बदौलत सभी तरह के उद्योगों को बदल कर रख दिया।


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