विमानन क्षेत्र में अनिश्चितता के कारण अडानी समूह ने 3 एयरपोर्ट लेने में असमर्थता जताई, सरकार की निजीकरण योजना को लगा धक्का - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday, June 4, 2020

विमानन क्षेत्र में अनिश्चितता के कारण अडानी समूह ने 3 एयरपोर्ट लेने में असमर्थता जताई, सरकार की निजीकरण योजना को लगा धक्का

अडानी समूह ने उन तीन एयरपोर्ट को अपने हाथ में लेने में असमर्थता जताई है, जिन्हें उसने पिछले साल आक्रामक बोली लगाकर जीता था। इससे सरकार की निजीकरण योजना को धक्का लगा है। समूह ने लखनऊ, मंगलुरु और अहमदाबाद हवाईअड्‌डों को अपने हाथ में लेने के लिए कम से कम 6 महीने का समय मांगा है। इसके लिए समूह ने कोरोनावायरस महामारी के कारण विमानन क्षेत्र में जारी अनिश्चितता को कारण बताया है।

अडानी ने एएआई से फोर्स मेजर क्लाउज लागू करने का अनुरोध किया

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक तीनों हवाई अड्‌डों को अपने हाथ में लेने के लिए और समय के लिए समूह ने भारतीय हवाई अड्‌डा प्राधिकरण (एएआई) को फोर्स मेजर को क्लाउज को लागू करने का अनुरोध किया है। साथ ही उसने विमानन कारोबार की व्यावहारिकता की फिर से समीक्षा करने के लिए सलाहकार भी नियुक्त किया है। एयरपोर्ट को अपने हाथ में लेने से अडानी समूह के पीछे हटने से सरकार की एयरपोर्ट निजीकरण योजना को धक्का लगा है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में कहा था कि एएआई छह और एयरपोर्ट्स बिक्री की प्रक्रिया शुरू करेगी। इन 6 एयरपोर्ट्स में वाराणसी, अमृतसर, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिचि एयरपोर्ट्स शामिल हैं।

अडानी के पास अगले 50 साल तक इन एयरपोर्ट का संचालन करने का अधिकार है

अडानी ने फरवरी 2019 में 6 एयरपोर्ट को नीलामी में जीतने के बाद 15 फरवरी को इन तीन एयरपोर्ट्स के लिए बाइंडिंग कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया था। समझौते के मुताबिक समूह को 180 दिनों के भीतर 1,500 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान कर इन एयरपोर्ट्स को अपने हाथ में ले लेना था। समझौते के तहत अडानी के पास अगले 50 साल तक इन एयरपोर्ट का संचालन करने का अधिकार है।

विमानन कारोबार की फिर से समीक्षा करना चाहता है अडानी समूह

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि विमानन क्षेत्र की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है, इसलिए अडानी समूह विमानन कारोबार की फिर से समीक्षा करना चाहता है। इसलिए समूह ने एयरपोर्ट को अपने हाथ में लेने के लिए 6 महीने का समय मांगा है। फोर्स मेजर क्लाउज के मुताबिक स्थिति में यदि ऐसा बदलाव होता है, जिसका नियंत्रण दोनों पक्षों के हाथ में नहीं है, तो समूह एयरपोर्ट को अपने हाथ में लेने के लिए अतिरिक्त समय मांग सकता है।

अडानी के करीब 300 करोड़ रुपए हो सकते हैं जब्त

एएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एएआई ने समूह के प्रस्ताव पर अभी तक फैसला नहीं लिया है। इस पर दोनों पक्षों को मिलकर फैसला लेना होगा। फोर्स मेजर क्लाउज को एकतरफा तौर पर लागू नहीं किया जा सकता है। यदि एएआई अतिरिक्त समय के लिए अडानी समूह की मांग से सहमत नहीं होती है, तो उसे नीलामी को कैंसल करना होगा और इन एयरपोर्ट्स की फिर से नीलामी करनी होगी। ऐसी स्थिति में अडानी समूह के परफॉर्मेंस गारंटी को एएआई जब्त कर लेगी, जिसका भुगतान अडानी समूह ने समझौते पर हस्ताक्षर करते समय किया था। समूह ने हर एक एयरपोर्ट के लिए परफॉर्मेंस गारंटी के तौर पर करीब 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।


No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages