देश में डिजिटल भुगतान में भारी गिरावट आई है। इंटर बैंक फंड ट्रांसफर से लेकर कार्ड लेन-देन तक अप्रैल में 34 प्रतिशत तक गिर गया। ऐसा तब हुआ है जब देश ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया था।
कुछ ट्रांजेक्शन गिरकर 2012 के स्तर पर पहुंच गए हैं
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ मामलों में लेनदेन 2012 के स्तर तक गिर गया है। हालांकि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा चलाए गए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) में कम गिरावट देखी गई। आंकड़ों के अनुसार मार्च में यूपीआई से 124 करोड़ ट्रांजैक्शन हुआ था। अप्रैल में यह गिरकर 100 करोड़ से भी कम हो गया। मई में यह फिर से 123 करोड़ ट्रांजेक्शन पर पहुंच गया।
एनईएफटी में आई 34 प्रतिशत की गिरावट
अप्रैल में एनईएफटी में 34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 17 करोड़ पर आ गया। जबकि मार्च में यह 26 करोड़ था। हाई वैल्यू फंड ट्रांसफर के जरिए मार्च में 22 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। अप्रैल में यह 13 लाख करोड़ रुपए था। इसमें 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़े बताते हैं कि बहुत सारे ग्राहक बैंक शाखाओं में भी गए। कारण कि वे ऑन लाइन बैंकिंग नहीं करते हैं। एनईएफटी करने के लिए बैंक की शाखाओं में ही जाना होता है।
अप्रैल में आरटीजीएस ट्रांजेक्शन घटकर 53 लाख पर आया
अप्रैल में आरटीजीएस का ट्रांजेक्शन गिरकर 53 लाख पर आ गया। मार्च में यह एक करोड़ से ज्यादा था। फरवरी में देश में कारोबार के आखिरी पूरे महीने में ट्रांजैक्शन की संख्या 13 करोड़ थी। अप्रैल का आंकड़ा सितंबर 2012 के ट्रांजेक्शन के करीब है। उस समय 51 लाख आरटीजीएस ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए थे। इसी तरह फंड ट्रांसफर के अलावा मर्चेंट आउटलेट्स पर कार्ड पेमेंट में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली।
पीओएस टर्मिनल पर कार्ड स्वाइप 6 करोड़ रहा
पीओएस टर्मिनल पर डेबिट कार्ड स्वाइप अप्रैल में गिरकर 6 करोड़ पर आ गया। जबकि मार्च में यह 19 करोड़ और फरवरी में 24 करोड़ था। दो महीनों में 68 प्रतिशत की गिरावट इसमें दिखी है। क्रेडिट कार्ड से फरवरी में सात करोड़ ट्रांजेक्शन हुआ था। अप्रैल में यह गिरकर दो करोड़ के लेन-देन पर आ गया। इसमें 71 प्रतिशत की गिरावट है।
एटीएम से लेन-देन अप्रैल में 54 प्रतिशत घटा
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक एटीएम से लेन देन फरवरी में 61 करोड़ था। अप्रैल में यह 54 प्रतिशत गिरकर 28 करोड़ पर आ गया। पैसों के मामलों में यह फरवरी में 2.8 लाख करोड़ रुपए था। जबकि अप्रैल में 1.2 लाख करोड़ रुपए रह गया। इसी तरह पेटीएम, अमेजन पे, मोबिक्विक जैसे मोबाइल वॉलेट पेमेंट में भी गिरावट दिखी। फरवरी में इसका ट्रांजेक्शन 37 करोड़ था जो अप्रैल में आधे से ज्यादा गिरकर 18 करोड़ हो गया।
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