फर्ज कीजिए कि 180 सीटों की क्षमता वाली फ्लाइट में सिर्फ चार पैसेंजर बैठे हैं। 1 घंटे 20 मिनट की फ्लाइट के लिए 10 लाख रुपए का किराया है। क्या आप ऐसी लक्जरी यात्रा पसंद करना करेंगे? पर यह सही है। कोविड-19 की वजह से अब जब एयर ट्रैवेल शुरू हो चुका है, ऐसे में देश विदेश में कुछ लोग लग्जरी ट्रैवेल यात्रा कर रहे हैं। वे यात्रा के लिए चार्टर्ड प्लेन को कार की तरह हायर कर रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए इस तरह का रुझान आनेवाले समय में दिख सकता है।
सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से बढ़ेगी मांग
फिलहाल तो ऐसा वाकया बहुत कम होता है। परंतु लॉक डाउन खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लोग सतर्क हो रहे हैं। इससे यह लगता है कि आने वाले दिनों में कहीं ऐसी घटनाएं और भी देखने को ना मिले जब सक्षम लोग पूरे के पूरे एयरक्राफ्ट को ही किराये पर लेकर सिर्फ अपने परिवार वालों के साथ यात्रा करें।
एचएनआई प्राइवेट एयर ट्रैवेल में लेते हैं दिलचस्पी
विमान अधिग्रहण के कारोबार में ग्राहकों को सलाह देनेवाले जेट मुख्यालय एशिया के चेयरमैन रोहित कपूर कहते हैं कि "इसकी बहुत मांग है, जो सभी आवश्यक उड़ान के लिए है। लोग भारत या विदेशों में फंस गए हैं और वापस पाना चाहते हैं। ढेर सारी विमानन कंपनियां सिंगापुर और वियतनाम सहित लंदन, मध्य-पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया से अधिकांश अटके भारतीयों को ढो रही हैं। कपूर ने आगे कहा, "ये एचएनआई हैं जो एयर इंडिया द्वारा संचालित होने वाली स्वदेश वापसी की उड़ानें नहीं लेना चाहते हैं।
घरेलू मांग में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
व्यवसाइयों ने भी यात्रा शुरू कर दी है, जो मार्च के बाद से उड़ान भरने के बाद अपने कारखानों की जांच करने और कर्मचारियों से मिलने के लिए उत्सुक हैं। 10 विमानों के बेड़े के साथ चार्टर प्रोवाइडर क्लब वन एयर के सीईओ राजन मेहरा कहते हैं, हमने घरेलू उड़ानों के लिए मांग में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी है।कतर एयरवेज के एक अधिकारी के मुताबिक इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा की मांग 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
ऑपरेटर ने प्रति घंटे का किराया भी बढ़ा दिया है
बढ़ती मांग ने कुछ ऑपरेटर को प्रति घंटा की दरों में भी वृद्धि करते देखा है। उदाहरण के लिए, दिल्ली स्थित एटम एविएशन सर्विसेज ने अपनी प्रति घंटा दरों को 75,000 रुपए प्रति घंटे से बढ़ाकर 1 लाख रुपए प्रति घंटे कर दिया है। एटम के संस्थापक अर्चित गुप्ता कहते हैं कि पहले हमें रोज करीब छह या सात इन्क्वायरी आती थी। अब यह बढ़कर एक दिन में 10 से 12 हो गई है। यह वृद्धि इस मांग के एकदम विपरीत है कि इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर सहित कमर्शियल एयरलाइनें अपनी उड़ानों के लिए देख रही हैं।
इंडिगो और स्पाइसजेट ने चार्टर सेवाएं शुरू की हैं
उद्योग के अधिकारी बताते हैं कि ऑक्यूपेंसी का स्तर 50 प्रतिशत से कम है। शायद यही कारण है कि इंडिगो और स्पाइसजेट ने औपचारिक रूप से चार्टर सेवाएं शुरू कर दी हैं। दोनों के विमान ज्यादातर जमीन पर ही पड़े हुए हैं। बहुत ही कम फ्लाइट्स ऑपरेट किए जा रहे हैं। स्पाइसजेट, जो पहले शुरू हुआ, काफी आक्रामक रहा है। यह पहले से ही मध्य-पूर्व से उड़ानें संचालित कर चुका है।यह उन भारतीयों के एक समूह को वापस ला रहा है, जो कमर्शियल उड़ानों से बचना चाहते थे। इसने भारत से लेकर दोहा तक ऑपरेशन शुरू किया है।
बड़ी एयरलाइनों के मैदान में कूद जाने से चार्टर प्रोवाइडरों को कोई परेशानी नहीं हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक लोग स्पाइसजेट या इंडिगो को तभी पसंद करते हैं जब अपनी थोक बुकिंग या 100 से अधिक पैसेंजर्स हों। हम अपनी उड़ान में शायद ही 20 से ज्यादा यात्री एडजस्ट कर सकते हैं।
No comments:
Post a Comment