नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( Reliance Industries Limited ) ने आबूधाबी इंवेस्टमेंट अथारिटी ( Abu Dhabi Investment Authority ) की पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहयोगी इकाई की तरफ से जियो प्लेटफॉर्म्स ( Jio Platforms ) में 5,683.50 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। कोरोना वायरस के बीच मुकेश अंबानी की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स ( Jio Platform Investment ) में पिछले 47 दिनों में 8 निवेशों के जरिए जियो प्लेटफॉर्म्स ( Jio ADIA Deal ) में 21.06 फीसदी इक्विटी के लिए कुल 97,885.65 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। यह निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक ( Facebook ) से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक ( Silver Lake ), विस्टा इक्विटी ( Vista Equity ), जनरल अटलांटिक ( General Atlantic ), केकेआर ( KKR ), और मुबाडला ( Mubadala ) ने अतिरिक्त निवेश किया था।
मुकेश अंबानी का बयान
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, मुझे खुशी है कि एडीआईए, निवेश के चार दशक की सफलता के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, जियो प्लेटफार्मों के साथ पार्टनरशिप कर रहा है। वह जियो के मिशन में भागीदार है। जो भारत के लिए डिजिटल लीडरशिप और समावेशी विकास के अवसर पैदा करता है।
एडीआईए ने क्या कहा
एडीआईए में प्राइवेट इक्विटी विभाग के कार्यकारी निदेशक हमाद शाहवान अल्दहेरी ने कहा, जियो प्लेटफार्म भारत की डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है। जियो में हमारा निवेश एडीआईए के बाजार की अग्रणी कंपनियों में निवेश करने की हमारी गहरी समझ और विशेषज्ञता को प्रदर्शित करता है। आपको बता दें 1976 में स्थापित, एडीआईए विश्व स्तर पर आबूधाबी सरकार की ओर से निवेश करती है। एडीआईए एक वैश्विक निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है जो दो दर्जन से अधिक परिसंपत्ति वर्गों और उप-वर्गों में है।
क्या है जियो प्लेटफॉर्म
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 'फुली ओन्ड सब्सिडियरी' है। यह एक 'नेक्स्ट जनरेशन' टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल ईकोसिस्टम और भारत के नंबर 1 हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वह जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की 'होल्ली ओन्ड सब्सिडियरी' बनी रहेगी।
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