नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ( Union Minister of Consumer Affairs, Food and Public Distribution Ram Vilas Paswan ) ने गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान ( Payment of dues of sugarcane farmers ) समय का निर्देश दिया। मंत्रालय के अनुसार चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का बकाया 22000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। देश में चीनी उद्योग ( Sugar Industry ) से संबंधित मसलों की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को किसानों को गन्ने के दाम का बकाया समय से भुगतान करने के लिए जरूरी दिशानिर्देश जारी करने को कहा।
गन्ने का बकाया और भुगतान
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, चालू गन्ना पेराई सत्र 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में गन्ने के लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी के आधार पर गन्ने का कुल बकाया 66,934 करोड़ रुपए में से चीनी मिलों ने 49,251 रुपए का भुगतान किया जबकि पांच जून तक मिलों पर 17,683 करोड़ रुपए का बकाया था। वहीं, राज्य समर्थित मूल्य यानी एसएपी के आधार पर कुल बकाया 72,065 करोड़ रुपए में से 49,986 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है जबकि 22,079 करोड़ रुपए किसानों का चीनी मिलों पर बकाया है। पासवान ने गन्ना उत्पादकों का बकाया जल्द चुकाने का निर्देश दिया।
चीनी उत्पादन, निर्यात और घरेलू खपत का आकलन
समीक्षा बैठक के दौरान खाद्य मंत्रालय ने चीनी उत्पादन, निर्यात और घरेलू खपत का भी आकलन किया जिसके अनुसार, चालू सत्र में देश में चीनी का उत्पादन 270 लाख टन होने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत 250 लाख टन और अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण यानी एमएईक्यू के तहत चीनी का निर्यात 55 लाख टन हो सकता है।
घरेलू खपत 84 लाख टन होने का अनुमान
मंत्रालय के आकलन के अनुसार, पिछले साल का बकाया स्टॉक 145 लाख टन था जबकि इस साल सीजन के आखिर में 30 सितंबर को बकाया स्टॉक 110 लाख टन रहेगा। मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन खुलने से सीजन के आखिरी चार महीने में चीनी की घरेलू खपत 84 लाख टन जबकि निर्यात 10 लाख टन होने का अनुमान है जिससे चीनी मिलों को 30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी आएगी।
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