service sector : सर्विस सेक्टर में श्रम की स्थिति में नाटकीय सुधार का संकेत - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Friday, July 3, 2020

service sector : सर्विस सेक्टर में श्रम की स्थिति में नाटकीय सुधार का संकेत



कम्पनियों के पास नए ऑर्डरों (new order) में कमी और कमजोर कारोबारी का कारण देश के सर्विस सेक्टर (service sector) की गतिविधियों में इस साल मई की तुलना में जून में गिरावट देखने को मिली और कंपनियों ने अब भी बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी (Employee Lay offs ) जारी रखी। अप्रैल और मई से तुलना की जाए तो जून में सर्विस सेक्टर थोड़ा बेहतर परिणाम रहा। कुछ दिनों से देश की इकोनॉमी ( Economy ) को लेकर लगातार काफी बेहतर आंकड़े सामने आ रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) सेक्टर, जीएसटी (GST) कलेक्शन और कोर इंडस्ट्री के आंकड़े अप्रैल और मई के मुकाबले अच्छे आए हैं।

सर्विस सेक्टर के आंकड़े 

आईएचएस मार्किट द्वारा सेवा क्षेत्र के लिए कारोबार गतिविधि सूचकांक (Index) की रिपोर्ट जारी की गयी। माह-दर-माह आधार पर जारी होने वाला सूचकांक जून में 33.7 दर्ज किया गया जिसका मतलब यह है कि मई में सर्विस सेक्टर की तुलना में विनिर्माण गतिविधियों में गिरावट आयी है। सूचकांक का 50 से कम रहना पिछले महीने के मुकाबले गिरावट को और 50 से ऊपर रहना वृद्धि को दर्शाता है जबकि 50 का अंक स्थिरता का द्योतक है। 

लगता है सर्विस सेक्टर में जारी रहेगी छंटनी 

मार्च की तुलना में अप्रैल में और अप्रैल की तुलना में मई में भारी गिरावट रही थी। उस लिहाज से मई के मुकाबले जून की गिरावट कम रही। अप्रैल में सूचकांक 5.4 और मई में 12.6 दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में ऐतिहासिक छँटनी के बाद कंपनियों ने जून में भी छंटनी जारी रखी। कुछ कंपनियों का कहना है कि काम नहीं होने के कारण उन्होंने छँटनी की है। कुछ कंपनियों का यह भी कहना है कि काम करने के लिए कर्मचारी मिल ही नहीं रहे हैं। 

2020 में नौकरी बाजार के अलावा जॉब सेक्टरों में ले-ऑफ में भी आगे की गिरावट देखने को मिलेगी, उदाहरण के लिए: सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में, कुल मिलाकर पांच प्रतिशत की गिरावट आई है। एक्सिस आईटी एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे (ईआईटीओएस) द्वारा पिछले साल अक्टूबर में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2019-मार्च 2020 के बीच की अवधि के लिए समग्र आईटी हायरिंग 47.54 प्रतिशत रही, जो पिछले छह महीनों में 53.41 प्रतिशत थी। 

28 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान, बेरोजगारी दर 8.6 प्रतिशत थी। जब इसने पिछले हफ्ते की तुलना में 8.5 फीसदी की दर हासिल की तो यह बेरोजगारी दर (unemployment rate) का महज एक रुझान था । श्रम भागीदारी दर पिछले सप्ताह के 42 प्रतिशत से घटकर नवीनतम सप्ताह में 41.4 प्रतिशत हो गई और रोजगार की दर भी 38.4 प्रतिशत से घटकर 37.8 प्रतिशत रह गई। 

पिछले सप्ताह की तुलना में नवीनतम सप्ताह में श्रम की स्थिति की इस छोटी गिरावट के बावजूद, डेटा अप्रैल और मई में श्रम की स्थिति में नाटकीय सुधार का संकेत देता है। बेरोजगारी की दर में गिरावट (decline) आई है और साथ ही, बेरोजगारी की भागीदारी दर पूर्व-लॉकडाउन अवधि के करीब पहुंच गई है। 

पिछले तीन महीनों का अनुभव इस बात का प्रमाण देता है कि भारतीय नौकरियों के नुकसान का विरोध नहीं करते हैं। यह एक अजीब बात है! 
(source: 30 June 2020 CMIE report)
 
करोना (Corana) काल में और बाद में भी जॉब्स के लिए नए शब्द अवतार के रूप में उत्पन्न हुए हैं 


फोकस ऑन री-स्किलिंग 
(Focus of re-skilling) 

प्रवाह (Surge) 
डाटा साइंस जॉब में (In data science job) 

अपनाना (Adoption) 
भविष्य में हायरिंग के लिए विश्लेषण करना (of predictive analysis for hiring) 

हायरिंग (Hiring) 

बुद्धिमान कार्यबल (intelligent workforce) 


मांग (Demand)
तकनीक आधारित कौशल (Of tech-based skills) 


लचीलापन  (Flexibility) 
काम करने की (At work)







No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages