PMGKY : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ अगस्त 2020 तक - SAARTHI BUSINESS NEWS

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Saturday, July 11, 2020

PMGKY : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ अगस्त 2020 तक


PMGKY

परिचय:

नई दिल्ली ! भारत सरकार ने 26.03.2020 को गरीबों को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) शुरू की जिसके तहत Rs.170 लाख करोड़ राहत पैकेज की घोषणा की थी। यह राहत पैकेज केन्द्रीय सरकार के द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ही एक हिस्सा है । इस राहत पैकेज में वेतन के अगले तीन महीनों के लिए ईपीएफ खातों में मासिक वेतन का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव है!

इसमे ऐसे कर्मचारियों को सम्मिलित किया गया हैं जिनका मासिक वेतन प्रति माह पंद्रह हजार रुपये से कम है और जिस प्रतिष्ठानों में एक सौ कर्मचारियों तक कार्यरत हैं, जिनमे 90% या उससे अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जिनका मासिक वेतन 15000 / - से कम हैं। 



उपरोक्त पैकेज को लागू करने के लिए, श्रम मंत्रालय, सरकार द्वारा नीचे दिए गए दिशा निर्देशों के साथ इस योजना को सूचित करता है : 


योजना के उद्देश्य
कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों और एक सौ कर्मचारियों को रोजगार देने वाले सहायक प्रतिष्ठानों के रोजगार में व्यवधान को रोकने के लिए, संपूर्ण कर्मचारी EPF योगदान (मजदूरी का 12%) और नियोक्ताओं का EPF और EPS योगदान (मजदूरी का 12%), कुल 24% अगले तीन महीनों के लिए भुगतान सीधे केंद्रीय सरकार द्वारा कर्मचारियों के ईपीएफ खातों (यूएएन) में किया जाएगा जो 15000 रु प्रति माह से कम वेतन लेते हैं और ऐसे प्रतिष्ठानों में कार्यरत है व रोजगार करते हैं जो पहले से ही ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत आते हैं, जिसमें एक सौ कर्मचारी, 90% या इस तरह के कर्मचारियों जो कम से कम 15,000 / - रुपये मासिक वेतन प्राप्त करते हैं। 

अगर कोई संगठन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) लाभ लेना चाहता है तो उस उस माह की ECR डिपार्टमेन्ट को भरनी होगी! 



योजना की वैधता
यह योजना मार्च 2020, अप्रैल 2020 और मई 2020 के लिए चालू थी।

आगे विस्तार: (Extention of PMGKY scheme)
सरकार नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) के योगदान को अगले तीन महीनों तक, यानी अगस्त 2020 तक जारी रखेगी। यह निर्णय 8 जुलाई, 2020 को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था। 


“कैबिनेट ने PMGKY / आत्मनिर्भर भारत के तहत जून से अगस्त 2020 तक के लिए 3 महीने के लिए ईपीएफ योगदान 24% (12% कर्मचारी शेयर और 12% नियोक्ता शेयर) के विस्तार को मंजूरी दी; जिसमें कुल अनुमानित खर्च 4,860 रु. करोड़ होगा। इस निर्णय से 72 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा!” 
- पीआईबी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के अनुसार 



@PIB_India

Cabinet approves extension of EPF contribution 24% (12% employees share and 12% employers share) for another 3 months from June to August 2020 under PMGKY/Aatmanirbhar Bharat; with total estimated expenditure of Rs.4,860 crore, the move will benefit over 72 lakh employees  3:39 PM · Jul 8, 2020


इस फैसले से उन छोटे व्यवसायों को और राहत मिलेगी, जो चल रहे COVID-19 कोरोनावायरस महामारी के कारण नकदी संकट का सामना कर रहे हैं। 

नियोक्ता और कर्मचारी योगदान दोनों का भुगतान करने का निर्णय प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मार्च में वापस घोषित किया गया था। जैसा कि घोषणा की गई है, भुगतान 100 कर्मचारियों तक के संगठनों के लिए किया जाएगा और जिसमें 90 प्रतिशत तक कर्मचारी प्रति माह 15,000 रुपये तक की मजदूरी का आहरण कर रहे हैं। निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि ईपीएफओ योगदान में निरंतरता बनी रहे और ईपीएफओ योगदान में किसी को कोई नुकसान न हो। 

वर्तमान कानूनों के अनुसार, 15,000 रुपये तक मासिक वेतन यानि कि मूल वेतन प्लस महंगाई भत्ते पाने वाले कर्मचारी को EPF योजना में शामिल होना अनिवार्य है। कर्मचारी हर महीने अपने मूल वेतन प्लस महंगाई भत्ते (यदि हो तो) के 12 प्रतिशत का योगदान ईपीएफ खाते में करता है। नियोक्ता को भी 12 प्रतिशत योगदान करना आवश्यक है। कुल ईपीएफ योगदान (12% से प्लस 12%) में से, कर्मचारी का हिस्सा 12% प्लस 3.67% का नियोक्ता का हिस्सा EPF खाते में जाता है। और शेष नियोक्ता के योगदान का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है। 

ईपीएफ खातों में पैसा जमा करने के अलावा, सरकार ने उन नियमों में भी संशोधन किया है जिसमें ईपीएफ ग्राहक COVID-19 के कारण होने वाली वित्तीय आपात स्थितियों को पूरा करने के लिए खातों से धन निकाल सकते हैं। 

अगर कोई कर्मचारी ईपीएफ से पैसा निकालना चाहता है तो इस लिंक पर क्लिक करके पूरा process समझ सकता है

  • अगर कोंई संस्थान अपने कर्मचारियों के वेतन में से ESI/PF का पैसा काटता है और उसने इस योजना का भी लाभ लेता है  तो वह कटोती अवैधानिक मानी जायेगी!
  • अगर कोंई संस्थान अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं करता है और फिर भी इस योजना का लाभ लेता है तो उसका इस योजना का लाभ अवैधानिक माना जायेगा!




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