नई दिल्ली अमेरिका की दिग्गज कंपनियां गूगल (Google), ऐमजॉन (Amazon) और फेसबुक (Facebook) भारत के तेजी से बढ़ रहे डिजिटल पेमेंट्स मार्केट में अपने लिए बड़ी भूमिका की तैयारी में हैं। ये तीनों कंपनियां नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का प्रतिद्वंद्वी खड़ा करने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ हाथ मिला सकती हैं। मामले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों ने ईटी को बताया कि गूगल और फेसबुक ने पार्टनरशिप के लिए रिलायंस जियो इन्फोकॉम से संपर्क साधा है जबकि ऐमजॉन अभी अपने विकल्पों पर विचार कर रही है। ये तीनों कंपनियां प्रस्तावित न्यू अंबरेला एनटिटी (NUE) में कम से कम 12 से 15 फीसदी हिस्सेदारी चाहती हैं। रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक NUE की प्रमोटर कोई भारतीय कंपनी ही हो सकती है। जियो पहली पसंदअभी यह साफ नहीं है कि तीनों अमेरिकी कंपनियां मिलकर एक ही एनटिटी में हिस्सा खरीदेंगी या अलग-अलग पार्टनरशिप करेंगी। विभिन्न कंपनियों के बीच इस सिलसिले में चल रही बातचीत की जानकारी रखने वाले एक एग्जीक्यूटिव ने कहा, भारत गूगल, फेसबुक और ऐमजॉन के लिए आकर्षक मार्केट है और वे गंभीरता से जॉइंट वेंचर पार्टनर की तलाश में हैं। इसमें जियो उनकी पहली पसंद है। कई घरेलू कंपनियों ने जेवी के लिए इन कंपनियों से संपर्क साधा है। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि ये कंपनियों किस ओर जाएंगी। इस बारें में गूगल, फेसबुक, ऐमजॉन और जियो ने उन्हें भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। एक सूत्र ने कहा कि NUE में हिस्सेदारी से इन कंपनियों को रेग्युलेटर्स और बैंकों के पास अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। साथ ही वे डिजिटल पेमेंट्स से जुड़े फैसलों में अपना पक्ष रख सकेंगी। क्या है NUE NUE के लिए एसबीआई, टाटा और जियो की अगुवाई वाले तीन कंसोर्टियम होड़ में हैं। गूगल और फेसबुक की नजर जियो में माइनोरिटी स्टेक पर है। एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एनएसई, बीएसई, एनएसडीएल, मास्टरकार्ड, वीजा और पेटीएम भी होड़ में हैं। लाइसेंस्ड एनयूई एनपीसीआई की तरह प्राइवेट पेमेंट एनटिटी बना सकती है। वह नए रीटेल पेमेंट्स नेटवर्क्स को डेवलप और ऑपरेट कर सकती है। इसमें नया यूपीआई, एटीएम कार्ड, पीओएस और क्रॉस बॉर्डर सिस्टम की संभावना है।
from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times https://ift.tt/2Ira58W
No comments:
Post a Comment