नई दिल्ली यूं तो अनलॉक (Unlock) शुरू होने से अर्थव्यवस्था का हर क्षेत्र गुलजार हो रहा है। लेकिन टूरिज्म और हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र ( & sector) ऐसा है, जिसमें अभी भी सुस्ती छाई है। सामान्य दिनों में बात करें तो यह क्षेत्र अक्टूबर और नवंबर में अपने पीक दौर से गुजर रहा होता है। लेकिन इस साल न तो पर्यटक आ रहे हैं और न ही लोग घरों से निकल कर बाहर खाने-पीने में रूचि ले रहे हैं। पर्यटक आ ही नहीं रहे हैं देश में होटल, रेस्टोरेंट तथा अन्य आतिथ्य सत्कार उद्योग (Hospitality) की शीर्ष संस्था फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ इंडिया () के अपाध्यक्ष गुरूबख्शीश सिंह कोहली का कहना है कि फ़िलहाल इस क्षेत्र का सबसे मुश्किल दौर चल रहा है। जाड़े के मौसम में विदेशी पर्यटकों (Foreign ) की आवक बढ़ती है। साथ ही घरेलू पर्यटक भी खूब घूमने को निकलते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से जहां अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने बंद हैं, वहीं घरेलू पर्यटक भी बाहर निकलने से डर रहे हैं। यही वजह है कि इस कारोबार से जुड़े लोगों की इस बार दिवाली फीकी ही मनेगी। 15-20 फीसदी ही हो रही है बुकिंग गुरूबख्शीश सिंह कोहली कहते हैं कि पिछले साल इन दिनों में जिन स्थानों पर होटल फुल चलते थे, ऐसी जगहों पर इस साल होटल के कमरे की बुकिंग औसतन 15 से 25 फीसदी ही हुई है। इससे देश के बाकि बचे हिस्सों के होटल बुकिंग्स का अनुमान लगाया जा सकता है। जो थोड़े बहुत लोग होटल और रेस्टारेंट तक पहुंच रहे हैं उनमें से ज्यादातर पर्यटक नहीं हैं। ये लॉकडाउन में एक जगह फंसे होने से परेशान होकर वे दूसरी जगहों पर जा रहे हैं। इसलिए होटलों को ऐसे पर्यटकों से वह आमदनी नहीं प्राप्त हो रही है, जो आम तौर पर छुट्टियां मनाने वाले पर्यटकों से होती है। ऐसे ही रहे हालात तो कामकाज करना मुश्किल एफएचआरएआई का मानना है कि अगर एक-दो महीने और ऐसे ही हालात रहे तो इंडस्ट्री के लिए आगे कामकाज कर पाना बहुत मुश्किल हो जायेगा। एसोसिएशन सरकार से अपील करती आ रही है कि उन्हें भी कुछ मदद मिले। जैसे लोन्स की रिस्ट्रक्चरिंग, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के लिए आसान रूप से लोन्स की सुविधा आदि। इन दिनों होटल और रेस्टोरेंटों में ग्राहकी नहीं रहने से होटल मालिकों के लिए कर्मचारियों का वेतन और दूसरे खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है।
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