कोविड-19 का सीधा असर अब तमाम वित्तीय संसाधनों में किए जानेवाले निवेश पर पड़ने लगा है। मार्च और अप्रैल महीने के रुझान बता रहे हैं कि बीमा, इक्विटी, रियल्टी और म्यूचुअल फंड से निवेशक हट रहे हैँ। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि म्यूचुअल फंड की हर महीने की एसआईपी पर बुरा असर दिखने लगा है। फरवरी और मार्च की तुलना में अप्रैल में एसआईपी में 40 प्रतिशत की गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
कईयों की रोजी रोटी चली गई है- निलेश शाह, कोटक म्यूचुअल फंड
करीबन 1.83 लाख करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करनेवाली असेट मैनेजमेंट कंपनी कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ निलेश शाह ने भास्कर को बताया कि यह बात सही है कि मार्च और अप्रैल में म्यूचुअल फंडों पर विपरीत असर दिख रहा है। यह वास्तव में अभूतपूर्व समय है और कईयों की रोजी रोटी चली गई है। अब तो लोग अपनी जिन्दगी बचाने में लगे हैं और इसके लिए कुछ भी ख़र्च करने को तैयार हैं।
बाजार के रूख पर सब कुछ तय होगा
निलेश शाह कहते हैं कि बड़े पैमाने पर निवेशकों के सामने इस समय बड़ी कठिनाइयां हैं। हम एसआईपी में बहुत बड़ी गिरावट नहीं देखते हैं। एसआईपी ग्राहकों के साथ-साथ कलेक्शन में बेशक गिरावट आएगी लेकिन यह बहुत बड़ा नहीं होगा। ऐसे कई वितरक हैं जो इस कठिन समय में ग्राहकों का हाथ पकड़े हुए हैं। उनकी मेहनत से यह सुनिश्चित होना चाहिए कि एसआईपी कलेक्शन काफी हद तक कम प्रभावित हुए हैं। जाहिर है बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा की मार्केट का रुख क्या होगा और लॉकडाउन को किस तरह से हटाया जाएगा।
महीना | एसआईपी कंट्रीब्यूशन (करोड़ रुपए) |
2019-20 | 2018-19 | |
वित्तीय वर्ष में कुल | 1,00,084 | 92,693 |
मार्च | 8,641 | 8,055 |
फरवरी | 8,513 | 8,095 |
जनवरी | 8,532 | 8,095 |
लोग इनकम के आधार पर अब बंद कर रहे हैं एसआईपी
जबलपुर के इंडीपेंडेंट फाइनेंशियल एडवाइजर (आईएफए) डी.डी. शर्मा बताते हैं कि जो भी लोग पहले निवेश कर रहे थे, वे अपनी आय के आधार पर निवेश शुरू किए थे। लेकिन अब सब कुछ बंद है, ऐसे में निवेश सबसे पहले अपने खाने औऱ् जीने के लिए कोशिश कर रहा है। साथ ही कुछ लोगों को अपने साथ-साथ कर्मचारियों को सेलरी भी देनी है। ऐसे में एसआईपी पर बुरा असर हुआ है। उनके मुताबिक 24 अप्रैल को एक दिन में ही 10 एसआईपी ग्राहकों ने बंद कर दी, जिसे मैने चालू कराया था। कुछ लोग एसआईपी को 2-3 महीनों के लिए रोक रहे हैं तो कुछ उसे पूरी तरह से बंद करवा रहे हैं।
लिक्विडिटी को लेकर लोग कंजर्वेटिव हो रहे हैं
शर्मा कहते हैं कि मार्च और अप्रैल में अब तक 6 लाख रुपए की 35 एसआईपी हमारे निवेशकों ने बंद कर दी है। जबकि इसके उलट एक भी नई एसआईपी इस दौरान नहीं शुरू हुई। वे कहते हैं कि हालात बेकार हैं और आनेवाले समय में यह रुझान और तेजी से बढ़ेगा जब निवेशक रोटी के लिए पैसा जुटाएगा। मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के एमडी आशीष सोमैया कहते हैं कि मैं इस बात से सहमत हूं कि एसआईपी पर बुरा असर हो रहा है। लोग अब लिक्विडिटी को लेकर रूढिवादी हो रहे हैं और वे एसआईपी से दूरी बना सकते हैं।
महीना | एसआईपी खाता | नई एसआईपी | डिस्कंटीन्यू एसआईपी | कुल एयूएम |
अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के वित्तीय वर्ष में | 3.12 करोड़ | 1.18 करोड़ | 68 लाख | 2.39 लाख करोड़ रुपए |
मार्च 2020 | 3.12 करोड़ | 8.49 लाख | 6.02 लाख | 2.39 लाख करोड़ रुपए |
फरवरी 2020 | 3.09 करोड़ | 11.39 लाख | 5.74 लाख | 3.11 लाख करोड़रुपए |
जनवरी 2020 | 3.03 करोड़ | 12 लाख | 5.95 लाख | 3.24 करोड़ रुपएरुपए |
70 प्रतिशत एसआईपी रुक सकती हैं
चेन्नई के आईएफए रमेश भट्ट कहते हैं कि डाइरेक्ट मोड से जो एसआईपी चालू है, उसमें 70 प्रतिशत की गिरावट की संभावना है क्योंकि ज्यादातर निवेशक खुद का रिसर्च कर रहे हैं और वे घबराएं हैं। जबकि रेगुलर मोड में 10-20 प्रतिशत एसआईपी बंद हो सकती हैं, क्योंकि लोगों की आमदनी बंद हो गई है। बीओआई अक्सा के सीआईओ आलोक सिंह कहते हैं कि यह अभी कहना थोड़ी जल्दबाजी है लेकिन कुछ एसआईपी बंद हो रही हैं और कुछ नई एसआईपी भी आ रही हैं।
जनवरी में एसआईपी से 8,531 करोड़, फरवरी में 8,513 करोड़ आया
पूरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में देखें तो जनवरी में एसआईपी के जरिए 8,531 करोड़ रुपए की राशि आई थी, जबकि फरवरी में इसमें मामूली गिरावट आई और यह 8,513 करोड़ रुपए रहा है। जनवरी में एसआईपी का एयूएम 3,24,868 करोड़ रुपए रहा है, जबकि फरवरी में यह एयूएम 3,11,430 करोड़ रुपए रहा है। सेबी ने इसी महीने की शुरुआत में फंड हाउसों को कहा था कि वे अपने वेबसाइट पर एसआईपी को रोकने और कैंसल करने जैसी सुविधा ऑन लाइन प्रदान करें ताकि निवेशक आसानी से रिक्वेस्ट पूरा कर सकें। सूत्रों के मुताबिक मार्च महीने में 8.49 लाख एसआईपी के खाते खुले जो पिछले साल की तुलना में कम है। जबकि 6.02 लाख एसआईपी इसी दौरान बंद हो गईं। मार्च में डेट ओरिएंटेंड स्कीम्स से 1.94 लाख करोड़ रुपए की निकासी की गई है और अप्रैल में अब तक एक लाख करोड़ रुपए की निकासी की गई है।
500 रुपए से शुरू कर सकते हैं एसआईपी
बता दें कि म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेशक 500 रुपए से निवेश शुरू कर सकता है। वह एक नियमित अवधि पर यानी मासिक इस राशि का निवेश कर सकता है और लंबी अवधि में एसआईपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। लेकिन इस हालात में यह निवेश बनाए रखने के लिए निवेशकों के पास पैसे नहीं हैं।
यही नहीं, अगर जीवन बीमा उद्योग में देखें तो मार्च महीने में फर्स्ट ईयर प्रीमियम की आय में 25 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है। आईआरडीएआई के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन हुआ और इससे निवेशकों ने पैसे नहीं डाले। इस तरह से फंड और बीमा दोनों में निवेशकों ने पैसे नहीं डाले। इसी तरह रियल्टी सेक्टर में जहां ढेर सारे फ्लैट बिना बिके हुए पड़े हैं, वहीं इक्विटी बाजार में से लगातार रिटेल निवेशक पैसे निकाल रहे हैं। पिछले एक महीने में बीएसई के सेंसेक्स में 20 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आ चुकी है।
अब क्या करें?
इक्विटी बाजार के एक ब्रोकर हाउस के मुताबिक कभी भी निवेश इस आधार पर नहीं करना चाहिए कि बाजार बढ़ रहा है। हमेशा आप निवेश को बनाए रखें और जब ज्यादा गिरावट बाजार में आए तो क्वालिटी वाले स्टॉक्स खरीद कर आप अपनी खरीदी हुई लागत को औसत रूप में कम कर सकते हैं जैसा कि अगर किसी ने फरवरी या मार्च के पहले हफ्ते में कोई स्टॉक्स खरीदा होगा तो वह अब उन स्टॉक्स में थोड़ा और निवेश कर उसका औसत मूल्य कम कर सकता है।
गोल्ड में करें निवेश
इसी तरह बीमा एजेंट कहते हैं कि अगर किसी ने यूलिप का प्लान लिया है तो उसे इस समय निवेश करना चाहिए क्योंकि उसे कम कीमत पर ज्यादा यूनिट मिल जाएंगी। हालांकि यूलिप बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है, फिर भी यह समय अच्छा है। डी.डी. शर्मा कहते हैं कि निवेशकों को इस समय सोना खरीदना चाहिए, क्योंकि जिस तरह से पूरी दुनिया में तनाव है, कोविड-19 का असर है, उससे सोने की कीमतें दिवाली तक 50,000 रुपए प्रति दस ग्राम तक जा सकती हैं। साथ ही अभी सरकार के गोल्ड बांड भी डिस्काउंट पर मिल रहे हैँ। इसलिए निवेशकों को गोल्ड में बना रहना चाहिए।
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