रिलायंस इंडस्ट्र्रीज ने रविवार को कहा कि वह अपनी डिजिटल इकाई की 1.34 फीसदी हिस्सेदारी वैश्विक इक्विटी कंपनी जनरल अटलांटिक को बेचेगी। इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को 6,598.38 करोड़ रुपए हासिल होंगे। चार सप्ताह से भी कम समय में आरआईएल ने निवेश हासिल करने के चार सौदे की घोषणा कर दी है। रिलायंस इंडस्ट्र्रीज ने एक बयान में कहा कि इन चार सौदों से उसे 67,194.75 करोड़ रुपए का फंड हासिल होगा। इससे कंपनी को अपना कर्ज कम करने में मदद मिलेगी।
जियो प्लेटफॉम्स बनी 5.16 लाख करोड़ रुपए की कंपनी
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस नए निवेश में जियो प्लेटफॉर्म्स का इक्विटी मूल्य 4.91 लाख करोड़ रुपए और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपए आंका गया है। जनरल अटलांटिक के निवेश के बाद जियो प्लेटफॉर्म में उसकी 1.34 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी। जियो प्लेटफॉर्म्स देश की सबसे नई और सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम का संचालन करती है।
फेसबुक ने पिछले महीने जियो प्लेटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपए का निवेश किया था
इससे पहले फेसबुक ने 22 अप्रैल को जियो प्लेटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपए का निवेश कर 9.99 फीसदी हिस्सेदारी लेने का सौदा किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी निवेशक कंपनी सिल्वर लेक ने 5,665.75 करोड़ रुपए का निवेश कर जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.15 फीसदी हिस्सेदारी लेने का सौदा किया। अमेरिका की कंपनी विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने 8 मई को 11,367 करोड़ रुपए का निवेश कर जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। जियो प्लेटफॉर्म्स में रणनीतिक और वित्तीय निवेशकों की 20 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इन 4 सौदों के जरिये रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 14.8 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है। निकट भविष्य में और ऐसे निवेश की घोषणा हो सकती है।
इस साल दिसंबर तक कर्ज मुक्त कंपनी बन सकती है रिलायंस इंडस्ट्रीज
रिलायंस इंडस्ट्र्रीज के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने पिछले साल अगस्त में आरआईएल को मार्च 2021 तक नेट आधार पर कर्ज मुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य तय किया था। फेसबुक सौदा, 53,125 करोड़ रुपए के राइट्स इश्यू, निजी इक्विटी निवेश और सऊदी अरैमको सहित कई और कंपनियों को हिस्सेदारी बेचे जाने से कर्ज मुक्ति का लक्ष्य इस साल दिसंबर में ही पूरा हो जाने की उम्मीद है।
रिलायंस इंडस्ट्र्रीज पर मार्च में था 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज
मार्च तिमाही के अंत में रिलायंस पर 3,36,294 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था। उस समय कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी थी। कर्ज को नकदी के साथ एडजस्ट करने के बाद कंपनी का नेट कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए था। कंपनी पर जो कर्ज बकाया है, उसमें से 2,62,000 करोड़ रुपए का कर्ज रिलायंस के बैलेंसशीट पर है और 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज जियो पर है। जियो प्लेटफॉर्म्स रिलायंस इंडस्ट्रीज की संपूर्ण अधिनस्थ सहायक कंपनी है। यह अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी कंपनी है। रिलायंस जियो इंफोकॉम जियो प्लेटफॉर्म्स की पूरी तरह से अधिनस्थ सहायक कंपनी है। जियो इंफोकॉम के 38.8 करोड़ उपभोक्ता हैं।
जनरल अटलांटिक ने फेसबुक व अलीबाबा जैसी कंपनियों में भी किया है निवेश
जनरल अटलांटिक दुनिया की एक बड़ी ग्लोबल ग्रोथ इक्विटी कंपनी है। वह करीब 40 साल से टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर, फाइनेंशियल सर्विसेज और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियों में निवेश कर रही है। उसने दुनियाभर में कई डिसरप्टिक कंपनियों में निवेश किया है। ऐसी कंपनियों में एयरबीएनबी, अलीबाबा, एंट फाइनेंशियल, बॉक्स, बाइटडांस, फेसबुक, स्लैक, स्नैपचैट, उबर जैसी कई कंपनियां शामिल हैं। आरआईएल के सीएमडी मुकेश अंबानी ने कहा कि मैं कई दशक से जनरल अटलांटिक को जानता हूं। भारत के विकास संभावना में उसके विश्वास के लिए मैं उसका प्रशंसक रहा हूं। जनरल अटलांटिक की वैश्विक विशेषज्ञता और टेक्नोलॉजी कंपनियों में 40 साल के निवेश का लाभ जियो को मिलने को लेकर हम उत्साहित हैं।
भारत में डिजिटल क्रांति की अगुआई कर रही है जियो
जनरल अटलांटिक के सीईओ बिल फोर्ड ने कहा कि मुकेश की इस सोच से हम सहमत हैं कि डिजिटल कनेक्टिविटी में देश की अर्थव्यवस्था में भारी तेजी लाने की क्षमता है। जनरल अटलांटिक लंबे समय से संस्थापकों के साथ डिसरप्टिव कारोबार के विकास के लिए काम कर रही है। जियो भी भारत में डिजिटल क्रांति की अगुआई कर रही है।
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