लोन की ईएमआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई, वित्त मंत्रालय को दिया तीन दिन का समय, 17 को होगी सुनवाई - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Friday, June 12, 2020

लोन की ईएमआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई, वित्त मंत्रालय को दिया तीन दिन का समय, 17 को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान लोन की ईएमआई के मामले में कुछ नरम रुख अपनाया। इसमें बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया कि तीन दिन के भीतर इस मामले में निर्णय लें। इसकी अगली सुनवाई 17 जून को होगी।

ईएमआई चुकाने के लिए6 महीने की मोहलत मिली

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से टर्म लोन की ईएमआई चुकाने पर छह महीने की मोहलत लोगों को मिली है। लेकिन, इस दौरान ब्याज माफ हो या नहीं इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। इसी सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि तीन दिन के अंदर रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय इसका निर्णय लें। इस बारे में क्या बात हुई, इसके बारे में केंद्र सरकार को तीन दिन के भीतर अपना जवाब देने के लिए कोर्ट ने कहा है।

ब्याज पर ब्याज लिए जाने पर कोर्ट की चिंता

सुप्रीम कोर्ट की मुख्य चिंता अब इस बात को लेकर है कि क्या ईएमआई में दिए जाने वाले ब्याज पर भी ब्याज लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि वह बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहा है। हमारी चिंता यह है कि जो ब्याज माफ किया गया है, उसे क्या आगे जोड़कर ग्राहकों से लिया जाएगा और क्या इस ब्याज पर भी ब्याज लिया जाएगा। लॉकडाउन में काम धंधे बंद होने की वजह से बहुत से लोग लोन की ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं।

ब्याज माफीसे 2 लाख करोड़का नुकसान होगा

रिजर्वबैंक के आदेश पर बैंकों ने ईएमआई में छह महीने का मोरेटोरियम तो दिया है, लेकिन कर्ज पर ब्याज बराबर लग रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ब्याज देने से छूट मांगी गई है। बैंकों का कहना है कि लोन पर ब्याज माफ करने से उन्हें करीब 2 लाख करोड़ रुपए का भारी नुकसान हो सकता है, जिसका बोझ सहन करना उनके लिए संभव नहीं है। आरबीआई का कहना है कि इससे बैंकिंग सेक्टर पर गंभीर असर पड़ेगा।

सभी बैंकों का मानना है कि ईएमआई पर ब्याज माफ नहीं हो सकता

जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआरशाह की खंडपीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सवाल पूछे। पीठ ने पूछा कि इन 3 महीनों का इंटरेस्ट कैसे जोड़ा जा सकता है। मेहता ने जवाब दिया कि मुझे आरबीआई के अधिकारियों के साथ बैठकर मीटिंग करने की जरूरत है। एसबीआई की तरफ सेसीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि सभी बैंकों का मानना है कि छह महीने की ईएमआई पर ब्याज माफ नहीं किया जा सकता।

कोर्ट की चिंता- मोराटोरियम पर आगे ब्याज ना लगे

रोहतगी ने जोर देकर कहा कि हमें आरबीआई के साथ इस पर चर्चा करने की जरूरत है। इसके बाद जस्टिस भूषण ने मेहता से हफ्ते के अंत में आरबीआई और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाने को कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया कि वह ब्याज की पूरी छूट पर विचार नहीं कर रही है। लेकिन, केवल इस बात को लेकर चिंतित है कि मोराटोरियम पर आगे ब्याज नहीं लगना चाहिए। आरबीआई ने कहा था कि मोराटोरियम केदौरान ईएमआई पर इंटरेस्ट माफ करने के बाद देश की जीडीपी का 1 प्रतिशत नुकसान होगा।


No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages